बांग्लादेश में हिंदू पलायन के लिए मजबूर, तोड़े जा रहे मंदिर

BANGLADESH-NEWS

नई दिल्ली, एजेंसी : ‘बांग्लादेश में अब हम हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं है..अधिकांश परिवार देश छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। सैकड़ों हिंदू परिवार सीमा की ओर निकल पड़े हैं, लेकिन बार्डर सील होने के कारण से वह पार नहीं कर पा रहे हैं। वहीं दूसरे जिलों में भी सक्षम हिंदू परिवार देश छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हम लोगो को नहीं मालूम कि हम पलायन भी कर पाएंगे या नहीं..या फिर उसके पहले ही जमातियों व उपद्रवियों के हाथों मार दिए जाएंगे।’

यह आपबीती है बांग्लादेश में रह रहे उन लाखों हिंदू परिवारों की, जिन लोगो ने वर्ष 1971 में बांग्लादेश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । बांग्लादेश आजाद होने के बाद भी कई बार दंगे हुए हिंदुओं पर अत्याचार हुआ। मंदिर तोड़े गए लेकिन इन परिवारों ने देश छोड़ने से इनकार कर दिया था..मगर इस बार इन लोगो का सब्र का बांध टूट गया है।

थाना छोड़कर भाग गए पुलिसकर्मी

अवामी लीग नेता और त्रान व समाज कल्याण कमेटी के उपसदस्य अजय कुमार सरकार कहते हैं, बांग्लादेश के कुल 64 जिले में से 21 जिलों में हिंदू आबादी है। इनमें गोपालगंज, फिरोजपुर, बाघेरहाट, खुलना, जशोर, बागुड़ा, जिलेदा, झालोकाठी, बोडि़शाल, दिनाजपुर, पंचोग्राम, बोगुड़ा, लालमोनिर हाट, कुड़ीग्राम, रंगपुर आदि प्रमुख जिले हैं। 1986 का दौर था, जब मैं और मेरे गांव के बच्चे मुसलमान आबादी को देखने के लिए गांव से 10 किमी दूर जाते थे, क्योंकि ज्यादातर हिस्सा हिंदुओं के पास था। आज चंद घर बचे हैं। इस बार ये घर भी नहीं बच पाएंगे । दूपचाचिया, आदोमदिघी में तो परसों रात से ही हिंदू घरों पर हमले किये जा रहे हैं।

कई थाने जलाने की सूचना आने के बाद से ग्रामीण अंचलों के कई थाने खाली हो गए हैं। पुलिसकर्मी थाने छोड़कर भाग गए हैं। अब सुरक्षा मांगने हम लोग कहां जाएं? इस बार की स्थित देखकर लग रहा है कि बार्डर खुलते ही दो से तीन लाख हिंदू पलायन कर जाएंगे। जो थोड़े से संपन्न हैं, वे भी एक माह के भीतर किसी दूसरे देश में शरण लेने का प्रयास करेंगे।

एक हफ्ते से दफ्तर में कैद
एक निजी कंपनी में नौकरी करने वाले निक्सन हालदार बीते एक हफ्ते से दफ्तर में ही कैद हैं। वह कहते हैं- दफ्तर की खिड़की से हम लोग सब टूटते-बिखरते देख रहे हैं। खौफनाक का आलम है। मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिया गया था। अवामी लीग नेता शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोबाइल नेटवर्क शुरू हुआ। उसके बाद जो तस्वीरें सामने आईं, वह दिल दहलाने वाली हैं। गांव-गांव में हिंदुओं के मंदिर और घर जलाए जा रहे हैं। बार्डर खुलते ही तीन से चार लाख हिंदू पलायन कर जाएंगे।

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