रायबरेली, शैलेश पाल : उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,लखनऊ के निर्देशानुसार व तरुण सक्सेना माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा-निर्देशन में एक्सीलेंट पब्लिक स्कूल अनुरुद्धपुर मेजरगंज, रायबरेली में ड्रग्स, ध्रूमपान व मद्यपान के उन्मूलन हेतु संवेदीकरण के विषय पर विशेष जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम शौर्य द्वारा दीपप्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी।
15 अगस्त 2020 को हुई थी नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत
उक्त शिविर में डा0 ज्ञानेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि नशा मुक्त भारत अभियान मादक द्रव्यों के सेवन के प्रति साक्ष्य आधारित दृष्टिकोण को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख अभियान है। अभियान का दृष्टिकोण युवाओं को शामिल करने के लिए समकालीन है और भारत को मादक द्रव्यों के सेवन से मुक्त बनाने के साझा लक्ष्य के लिए सभी हितधारकों द्वारा की गई गतिविधियों को एकीकृत करने के लिए है। इस अवसर पर 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया गया कि नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत 15 अगस्त 2020 को हुई थी।
वर्तमान में भारत में महिला, पुरुष व युवा 47 प्रतिशत मादक द्रव्यों के सेवन व नशीली दवाओं का प्रयोग करते है। शिविर में उपस्थित बच्चों को बताया गया कि तम्बाकू, सिगरेट व अन्य मादक पदार्थों से दूर रहे तथा अपने माता-पिता व अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरुक करें। वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार सिंह के द्वारा बताया गया कि मादक पदार्थ हमें सामाजिक स्तर, अपने परिवार व लोगों को वास्तविकता से दूर रखती है।
जिला आबकारी अधिकारी रवीन्द्र प्रताप सिंह के द्वारा नशे से शारीरिक मानसिक कार्यप्रणाली, रचनात्मकता को कम करने के सम्बन्ध में बताया गया। इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि नवयुवकों, किशोरों एवं बालको में ड्रग तस्करी एवं दुरूपयोग की घटनाएं बढ़ती जा रही है। ड्रग/नशा ने निर्दोष बच्चों, नव बालकों, नवयुवकों एवं महिलाओं के ऊपर अपना भयानक शिकंजा कस लिया है। इसका खतरनाक फैलाव इससे प्रतीत होता है की नशे की शुरुआत 9-10 वर्ष की किशोर आयु से हो जाती है।
नशीली वस्तुओं को सेवन न करने की दिलायी गयी शपथ
उक्त शिविर की अध्यक्षता कर रहे अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम शौर्य के द्वारा बताया गया कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 47 के तहत राज्य औषधीय प्रयोजनों को छोड़कर मादक पेय और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दवाओं के सेवन पर प्रतिबंध के दिशा-निर्देश दिये हुए है, तथा नीति कानून बनाने में इन सिद्धातों को लागू करना होगा। उक्त शिविर में उपस्थित सभी छात्र/छात्राओं, शिक्षक/शिक्षिका व अधिकारीगण को नशा मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत नशीली वस्तुओं को सेवन न करने की शपथ दिलायी गयी।
इस अवसर पर प्रबन्धक एल0पी0 यादव, प्रधानाचार्य ऋषिका सिंह व शिक्षक अंजनी सिंह, अर्जुन मौर्य, सौरभ यादव व पराविधिक स्वयं सेवक पूनम सिंह, सौम्या मिश्रा, नागेन्द्र कुमार व मनोज कुमार प्रजापति उपस्थित रहे। उक्त शिविर का संचालन शिक्षक सुशील यादव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के उपरांत प्रबन्धक एल0पी0 यादव के द्वारा सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।