लाहौर,एनएआई : पाकिस्तान के नागरिकों ने सत्तारूढ़ गठबंधन के ‘कठोर कानूनों’ पर चिंता जताई है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के ऐसी सख्त कार्रवाइयों से नागरिकों की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरा बढ़ रहा है।
पाकिस्तान सेना (संशोधन) अधिनियम, 2023 के मुताबिक, अगर कोई अधिकारी या सरकार में शामिल व्यक्ति किसी गोपनीय जानकारी को अनाधिकारिक रूप से सार्वजनिक करता है तो वह पांच वर्ष के कठोर कारावास का भागी होगा। इसमें साइबर अपराध और अधिनियम के अधीन किसी भी व्यक्ति के लिए मानहानि शामिल है।
सेना अधिनियम के तहत सैन्य अदालतों में मुकदमा चलाए जा रहे नागरिकों के बारे में चिंता बढ़ा दी है।यह नियम पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) द्वारा लागू किया गया। इसमें ‘औरत मार्च’ को नेताओं ने चिंता का मुद्दा बताया है। ‘औरत मार्च’ लाहौर द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, औरत मार्च के प्रतिनिधियों ने 2017 के चुनाव अधिनियम में संशोधन को अपनाने पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने दावा किया कि कार्यवाहक सरकार की व्यापक शक्ति ने जवाबदेही और पारदर्शिता के बारे में चिंताएं पैदा कीं।
ई-सुरक्षा विधेयक 2023
इसके अलावा, ई-सुरक्षा विधेयक 2023 और व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2023, को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। यह डेटा और सोशल मीडिया पर सरकार के नियंत्रण को कड़े करने के लिए लागू किए गए है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में दावा किया गया है कि ये बिल व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता के साथ-साथ कठिन आर्थिक समय के दौरान व्यवसायों के लिए संभावित असर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
‘औरत मार्च लाहौर’ ने इन हालिया घटनाओं में सभी नागरिकों से एकजुट होने और इन दमनकारी कानूनों पर अपना आक्रोश व्यक्त करने का आग्रह किया है। उन्हें चिंता है कि इस कानून का पारित होना निकट भविष्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है