नई दिल्ली, एंटरटेनमेंट डेस्क : लेजेंडरी एक्टर देव आनंद को लेकर कई सारे किस्से मौजूद हैं, कहा जाता है कि उनकी हेंडसमनेस पर लड़कियां फिदा हो जाती थीं। लेकिन हिंदी सिनेमा के इस फनकार का दिल एक दिग्गज एक्ट्रेस पर आ गया था और उसके लिए उन्होंने एक बार अपनी जान तक जोखिम में डाल दी थी।
प्यार में सारी हदें पार कर देव आनंद साहब ने ये बड़ा कदम उठाया था। आइए इस लेख में जानते हैं कि उनकी पहली प्रेमिका कौन थीं और किस फिल्म के सेट पर वो भयानक हादसा हुआ था, जब देव आनंद ने अपनी को-स्टार की जान बचाई थी।
इस एक्ट्रेस के लिए देव आनंद ने लगा दी थी जान की बाजी
फिल्म के शूटिंग सेट पर दो कलाकारों के बीच प्रेम कहानी के किस्से काफी पुराने हैं। देव आनंद के मामले में ये फिट बैठता है। साल था 1948 और देव साहब फिल्म विद्या की तैयारी में लगे हुए थे। निर्देशक गिरीश त्रिवेदी की इस मूवी की अदाकारा कोई और नहीं बल्कि सुरैया थीं।
मलिका ए हुस्न और मलिका ए अदाकारी जैसे तमाम नामों से सुरैया को जाना जाता था। विद्या के सेट पर उनकी पहली बार मुलाकात देव आनंद से हुई और कहा जाता है कि दोनों को पहली नजर वाला प्यार भी हुआ था। आईएमडीबी की रिपोर्ट के अनुसार फिल्म के गाने किनारे-किनारे चले जाएंगे की शूटिंग के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया था।
दरअसल शूटिंग के समय नांव से सुरैया का पैर फिसल गया था और वह झील में जा गिरीं। ये देखकर देव आनंद ने एक पल की भी देरी नहीं की और उनकी जान बचाने के लिए खुद झील में छलांग लगा दी। इस तरह से उन्होंने सुरैया की जान बचाई। इसके बाद दोनों का प्यार परवान चढ़ गया था। इस मामले को लेकर सुरैया ने एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान भी जिक्र किया था।
अधूरी रही प्रेम कहानी
देव आनंद ने अपनी और सुरैया की प्रेम कहानी की सच्चाई ओटोबायोग्राफी- रोमांसिग विद लाइफ में बताई थी। इसमें उन्होंने ये कबूला था कि हां वह सुरैया से बेइंतहा मोहब्बत करते थे और उनसे शादी न होने का मलाल उनको काफी रहा।
ताया ये भी जाता है कि सुरैया के घरवाले अलग धर्म होने के वजह से देव आनंद से उनकी शादी नहीं करवाना चाहते थे। जिसके लिए देव साहब को धमकियां भी मिली थीं। लेकिन शायद किस्मत को कुछ और मंजूर था। जिसकी वजह देव आनंद और सुरैया की प्रेम काहनी अधूरी रही।
इन मूवीज में जमी थी दोनों की जोड़ी
फिल्म विद्या से देव आनंद और सुरैया की जोड़ी का आगाज हुआ था, जिसने लंबे अरसे तक सिनेमाघरों में दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया था। उन फिल्मों के नाम इस प्रकार हैं-
विद्या (1948), जीत (1949), शैर (1949), अफसर (1950), नीली (1950), दो सितारे (1951), सनम (1951)