बांग्लादेश किन्नरों से भारत में करा रहा जासूसी, सुरक्षा एजेंसी सतर्क

BHARAT-BANGLADESH-BORDER

सिलीगुड़ी/बालुरघाट, संवाददाता : पड़ोसी देश बांग्लादेश किन्नरों को भारतीय सीमा क्षेत्र में जासूसी के लिए भेज रहा है। पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से बांग्लादेश से भारतीय सीमा क्षेत्र में किन्नरों की घुसपैठ की संख्या बढ़ी है, उससे केंद्रीय और राज्य जांच एजेंसियों को कुछ इसी प्रकार का अंदेशा है।

किन्नरों के घुसपैठ के मामले बढ़े, सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी
खासकर बंगाल में दक्षिण दिनाजपुर जिले के अधीन भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्र से किन्नरों के घुसपैठ के मामले सामने आ रहे हैं। एक ओर जहां बिना घेराबंदी क्षेत्र की घेराबंदी में बांग्लादेशी सुरक्षा बल बीजीबी के विरोध के कारण भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर इस नए मामले ने उनकी नींद उड़ा दी है। बुधवार को दक्षिण दिनाजपुर जिले से किन्नर बिजली मंडल उर्फ अलीम मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया है।

खुली सीमा की सुरक्षा बीएसएफ के लिए बड़ी चुनौती

बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के कार्य में बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) द्वारा कुछ जगहों पर आपत्ति जताए जाने की हालिया घटनाओं के बाद से तनाव बढ़ रहा है। इसकी शुरुआत मालदा जिले के बैष्णवनगर के सुकदेवपुर से हुई थी, जहां पिछले सप्ताह बीजीबी के विरोध की वजह से बाड़ लगाने का काम रोकना पड़ा था।

अवैध सीमा पार गतिविधियों के लिए असुरक्षित

इसके बाद कूचबिहार और तीन बीघा कॉरिडोर तथा दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट सीमा पर भी बाड़ लगाने पर बीजीबी ने अड़ंगा डाला। बांग्लादेश के साथ बंगाल की 2,216 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है जिसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बिना बाड़ के है, जिससे यह अवैध सीमा पार गतिविधियों के लिए असुरक्षित है।

इनमें बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की बात करें तो उसकी जिम्मेदारी के 913 किलोमीटर सीमा में से करीब 400 किमी से कुछ अधिक इलाके में ही बाड़ है। इनमें 200 किलोमीटर से अधिक का नदी इलाका भी शामिल है, जिसमें दुर्गम सुंदरवन भी आते हैं।

बड़े इलाके में तारबंदी नहीं

कुछ जगहों पर अंतरराष्ट्रीय सीमा के बिल्कुल करीब गांव बसे हैं, जो तारबंदी लगाने के लिए भूमि अधिग्रहण में सबसे बड़ी बाधा है। बड़े इलाके में तारबंदी नहीं होने का घुसपैठिए, तस्कर व आतंकी लगातार फायदा उठाने की ताक में रहते हैं। बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना के बाद बदले हालात में बीजीबी भी लगातार बीएसएफ के कार्यों में बाधक बन रही है।

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