वाराणसी,संवाददाता : वाराणसी के खोजवा इलाके की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित गुजरात की फर्म के कार्यालय में 1.40 करोड़ रुपये की डकैती का मुख्य आरोपी व तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा शनिवार को क्राइम ब्रांच ने गिरफतार कर लिया। फिलहाल भेलूपुर थाने की पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम अजीत मिश्रा से पूछताछ कर रही है। उसे रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
भेलूपुर थाना के खोजवा क्षेत्र की आदि शंकराचार्य कॉलोनी में गुजरात की फर्म का कार्यालय है। फर्म के कर्मचारी विक्रम सिंह के अनुसार, बीते 29 मई की रात अजीत मिश्रा 12 अज्ञात असलहाधारियों के साथ उनके कार्यालय में आया। उन्हें मारपीट कर और धमकाकर 1.40 करोड़ रुपये लूट ले गए।
लावारिस कार से मिले थे 92.94 लाख रुपये
31 मई को नाटकीय घटनाक्रम में खोजवा क्षेत्र के शंकुलधारा पोखरा के समीप से खड़ी लावारिस कार से पुलिस ने 92.94 लाख रुपये बरामद करने का दावा किया। चार जून की देर रात विक्रम सिंह की तहरीर के आधार पर अजीत मिश्रा और 12 अज्ञात असलहाधारियों के खिलाफ डकैती सहित अन्य आरोपों में भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
7 आरोपी पुलिसकर्मी हो चुकेहै बर्खास्त
घटना में पुलिस की संलिप्तता देख तत्कालीन भेलूपुर थानाध्यक्ष रमाकांत दुबे सहित सात पुलिसकर्मियों को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। विवेचना में बर्खास्त पुलिसकर्मियों को भी आरोपी बनाया गया। इस प्रकरण में अब तक चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वहीं, अजीत मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद जगदीश कुमार पटेल और अनुभव पांडेय उर्फ सागर के अतिरिक्त बर्खास्त 7 पुलिस कर्मी वांछित चल रहे हैं।
अजीत मिश्रा पर इनाम घोषित करने की थी तैयारी
भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी मिलते ही अजीत मिश्रा अपने सभी मोबाइल स्विच ऑफ कर घर से भाग गया था। डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक पुलिस अजीत मिश्रा का पता तक नहीं लगा सकी। अदालत के आदेश से बीते दिनों अजीत मिश्रा के तिलमापुर स्थित घर पर भेलूपुर थाने की पुलिस कुर्की का नोटिस चस्पा किया था। पुलिस अब अजीत मिश्रा पर इनाम घोषित कर उसकी संपत्तियों की कुर्की की तैयारी पुलिस कर रही है ।
अजीत मिश्रा से पूछताछ में खुलेंगे कई रहस्य
डकैती की घटना शुरू से ही संदेह के घेरे में रही है। घटना के दो दिन बाद 92.94 लाख रुपये बरामद हुए थे। छह दिन बाद मुकदमा दर्ज किया गया। फिर, घटना में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता उजागर हुई। कुछ अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई। मगर, कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया। अजीत से पूछताछ में कई अहम रहस्य खुल सकते हैं।