नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क : MS Dhoni-Sakshi Marriage : भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। धोनी ही नहीं, जबकि उनकी पत्नी साक्षी धोनी भी लोगों के दिलों पर राज करती हैं।
धोनी-साक्षी के लिए 4 जुलाई की तारीख, सिर्फ एक डेट नहीं, बल्कि एक ऐसी खूबसूरत लव स्टोरी का जश्न है, जहां किस्मत के एक मोड़ ने ‘क्रिकेट के बादशाह’ को उनकी ‘पहाड़ों की रानी’ से मिलवाया और दो दिलों को हमेशा के लिए एक कर दिया। उनकी प्रेम कहानी लोगों को खूब पसंद आती हैं। आइए आज बताते हैं कैसे और कब धोनी-साक्षी की पहली मुलाकात हुई थी।
धोनी-साक्षी की पहली मुलाकात
बात है साल 2007 की, जब कोलकाता के ताज बंगाल होटल में एक इंटर्न के तौर पर काम कर रही साक्षी (Sakshi Dhoni) को शायद ही पता था कि जिस भारतीय टीम को वह अपनी सेवा दे रही हैं, उसी में से एक उनके जीवनसाथी है।
उधर, मैदान पर अपने हेलीकॉप्टर शॉट्स से तूफान मचाने वाले ‘कैप्टन कूल’ धोनी (MS Dhoni) भी इस बात से बेखबर थे कि उनकी लाइफ पार्टनर साक्षी बनने वाली है। साक्षी के एक मैनेजर, जो धोनी के दोस्त भी थे, उनके जरिए दोनों की मुलाकात हुई।
धोनी ने साक्षी का नंबर लिया और फिर शुरू हुआ मैसेज का सिलसिला। धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदली और मार्च 2008 में दोनों ने डेटिंग शुरू की। दोनों ने अपने इस रिश्ते को हमेशा लाइमलाइट से दूर रखा। यहां तक कि शादी के समय तक किसी को इसकी जानकारी नहीं थी। भला किसको यकीन था कि इतना बड़े भारतीय स्टार होने के बावजूद माही गुपचुप तरीके से से शादी करेंगे।
देहरादून में धोनी और साक्षी ने लिए थे सात फेरे
फिर आया वो दिन, 4 जुलाई 2010, जब उत्तराखंड के देहरादून में धोनी और साक्षी (MS Dhoni Sakshi Marriage Anniversary) ने सात फेरे लिए। उनकी शादी की खबर ने पूरे देश को चौंका दिया था। फैंस के लिए यह हैरान करने वाला पल था, लेकिन धोनी की नई इनिंग की शुरुआत थी।
शादी के बाद, साक्षी को धोनी का ‘लेडी लक’ कहा गया, क्योंकि इसके बाद उनके करियर ने और भी ऊंचाइयां छुईं। साल 2015 में इस कपल ने बेटी जीवा का स्वागत किया। जब बेटी जीवा का जन्म हुआ था धोनी ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे थे। विश्व कप होने के कारण से वह अपनी बेटी के जन्म के समय भारत में नहीं थे।
इन दोनों लोगो की शादी को आज 15वर्ष (MS Dhoni & Sakshi Anniversary Celebrating 15 Years of Love and Togetherness) पूरे हो गए हैं। ये सिर्फ एक रिश्ता नहीं, बल्कि विश्वास-सम्मान और एक-दूसरे को समझने की कहानी है। धोनी ने ये जरूर साबित किया है कि शोर वाली बाहरी दुनिया से कोई मतलब नहीं होना चाहिए, आप अपनी लाइफ को इंजॉय करेंगे और पब्लिक को दिखाने से क्या फर्क पड़ता है।