संभल,संवाददाता : बवाल थमने के बाद अब संभल के कई मोहल्ला ने केवल सूने पड़े हैं बल्कि यहां के घरों से लोग फरार हो चुके हैं। पुलिस ने जिन सात रिपोर्ट में 37 नामजद और लगभग 3750 अज्ञात लोगों को शामिल किया है, उनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी रात अलग अलग स्थानों और संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई।
हालांकि लोगों का दावा है पुलिस के द्वारा बवाल के बाद ही कार्रवाई को गई थी तभी लोग अपने घरों को छोड़कर फरार हो गए। अधिकतर लोगों के घरों पर ताले बंद हैं। मोहल्ला कोट गर्वी जोकि जामा मस्जिद के पास है, आसपास दो हजार से ज्यादा घरों के लोग भाग गए हैं।
यहां के ज्यादातर लोगों को पुलिस ने नामजद किया है जबकि इसी मोहल्ले के लोग पुलिस की कार्रवाई के निशाने पर हैं। इसके अलावा नखासा क्षेत्र के तुर्तीपुर इल्हा में भी लोग अपने घरों में ताला लगाकर फरार है, जिन्हें पुलिस की गिरफ्तारी का भय सता रहा है।
पूर्व नियोजित थी हिंसा
पुलिस का मानना है कि रविवार को संभल में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी। इसके लिए न सिर्फ ईंट पत्थर एकत्र कर रखे गए थे, बल्कि ऐसे हथियार भी तैयार किए गए थे, शायद अब कहीं नजर नहीं आते। समझा जाता है कि यह तैयारी कुछ दिन पहले ही की गई होगी। हिंसा के दौरान खदेड़े गए उपद्रवियों के जूते चप्पल व अन्य सामान के साथ ही पुलिस को दोधारे खंजर जैसे हथियार मिले हैं। इसके दोनों ओर चाकू की तरह तेज धार और बीच में पकड़ने के लिए मूठ बनाई गई है।
सर्वे के दौरान इकट्ठा हो गए लोग
कोर्ट के आदेश पर जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाते हुए पथराव किया था। इसके साथ फायरिंग भी की गई थी। इसमें चार लोगों की मृत्यु भी हो गई थी। उपद्रवियों के पास ऐसे हथियार भी मिले हैं , जिन्हें भीड़ में प्रयोग कर चंद मिनट में ही बहुत लोगों को घायल किया जा सकता था। पुलिस को दंगाइयों से मिले इस अनोखे हथियार को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
कुछ लोग दोधारी खंजर बता रहे हैं तो कुछ ने इसे हलाड़ी खंजर भी बताया है। पुराने जमाने के इस हथियार का पहले इस्तेमाल होता था, लेकिन अब यह लुप्त हो चुका है। पुलिस का कहना है कि इसे घर में तैयार किया गया है। इसमें बीच में पकड़ने के लिए मूठ भी होती है जो इसमें नहीं लगी है।