प्रयागराज, संवाददाता : इसी सिंडीकेट ने गौसपुर कटहुला इलाके में 90 बीघा जमीन में प्लॉटिंग कर उसे बेच दिया था। जानकारी होने पर पीडीए ने अवैध निर्माण ध्वस्त कर एफआईआर दर्ज कराई थी। इस सिंडीकेट की जांच ईडी और ऑपरेशन ऑक्टोपस की टीम कर रही है।
सिंडिकेट में इन्कम टैक्स विभाग का एक अफसर भी शामिल
अतीक के भाई अशरफ ने जमीन के धंधे और काली कमाई को सफेद करने के लिए सफेदपोश बिल्डरों का एक सिंडिकेट बनाया था। इसी सिंडीकेट ने गौसपुर कटहुला इलाके में 90 बीघा जमीन में प्लॉटिंग कर उसे बेच दिया था। जानकारी होने पर पीडीए ने अवैध निर्माण ध्वस्त कर एफआईआर दर्ज कराई थी।
इस सिंडीकेट की जांच ईडी और ऑपरेशन ऑक्टोपस की टीम कर रही है। मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है कि सिंडिकेट में इन्कम टैक्स विभाग का एक अफसर भी शामिल है। सिंडिकेट की जितनी कंपनियां हैं, सबका पता इनकम टैक्स अफसर के घर का है। अफसरों का कहना है कि जल्द ही विस्तृत पूछताछ होगी।
ईडी ने अतीक अहमद गिरोह के करीबी बिल्डरों और ठेकेदारों के साथ बड़े व्यापारियों के घर कुछ महीने पहले छापा मारा था। लूकरगंज के रहने वाले अतुल द्विवेदी के घर छापे में ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले थे। पता चला कि अतुल और उसके पार्टनरों ने पांच कंपनियां बनाई हैं। इन पांचों का पता नोएडा स्थित एक घर का है।
आगे की जांच में पता चला कि वह घर इनकम टैक्स विभाग के एक अफसर का है। वहीं, अतुल द्विवेदी का एक बिजनेस पार्टनर है, जिसकी पत्नी ने एक बार अशरफ की जमानत ली थी। ईडी और ऑपरेशन ऑक्टोपस की टीम को सारे दस्तावेज मिल चुके हैं। अब जल्द ही इन लोगों से पूछताछ की जाएगी। अब तक की जांच से यह तय हो चुका है। इन कंपनियों के निदेशकों के अशरफ से संबंध थे। वे अशरफ के नाम पर ही बड़ी-बड़ी प्लॉटिंग करते थे।