जौनपुर, (खुटहन ), आर.एन.दुबे : प्रायः कभी किसी से कोई वाद विवाद होता है तो अक्सर लोग यह बात बोलते नजर आते हैं कि चलो थाने पर देख लेंगे और आम जनमानस समेत तमाम लोगो के न्याय की आशा और सुरक्षा का पहला पड़ाव थाने को माना जाता है। वही चोर, बदमाश , डाकू, लुटेरे जब जनता के बीच से जान बचा कर किसी तरह थाने पर पहुंच जाते हैं तो अपने आप को सुरक्षित अनुभव करने लगते हैं किंतु शुक्रवार की रात लगभग ग्यारह बजे के आसपास खुटहन थाने में हुई एक वारदात ने पुलिस की सुरक्षा और उनकी कार्यशैली पर एक नही अनेक सवालिया निशान खड़े करती है। खुटहन में दो पक्षों के बीच थाना प्रांगण में ही जमकर मारपीट होती रही और पुलिस निसहाय हाथ पर हाथ धरे बैठी देखती रही। मारपीट में कई लोगो को चोटें आई। एक अधिवक्ता तो गंभीर रूप से घायल हैं।
अधिवक्ता पद्माकर उपाध्याय की हुई पिटाई
पूरे मामले में पुलिस ने उस रात्रि पहरे पर तैनात आरक्षी रवींद्र कुमार यादव द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों में से सात लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बांधा पहुंचाने समेत तमाम धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरायख्वाजा थाना क्षेत्र अंतर्गत बस्तीबंदगान गांव के पद्माकर उपाध्याय (अधिवक्ता ) और गांव के ही दिनेश सिंह के बीच तालाब की जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा, जिसको लेकर शुक्रवार को सुबह झगड़ा और मारपीट हो गया।
एडवोकेट के पक्ष का आरोप है कि इसी रंजिश के चलते जब वह अपनी फार्च्यूनर कार से दिवाकर और सुधाकर के साथ रात में घर पर आ रहे थे तो मल्हनी बाजार के पास जिला पंचायत सदस्य सूबेदार सिंह, विशाल सिंह,दिनेश सिंह, अरविंद सिंह आदि ने दो स्कार्पियो गाड़ी से उनका पीछा कर लिया।
नामजद सातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
यह भी आरोप लगाया गया कि घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक के फोन पर देंने के बाद उनके निर्देशानुसार निकटतम थाना खुटहन पहुंच वाहन सहित थाने के अंदर चला गया। तभी पीछा करते हुए पहुंचे उक्त स्कार्पियो सवार भी सीधा अपनी गाड़ी थाने के भीतर घुसा दिए और तीनों की लाठी- डंडा और हाकी से पिटाई शुरू कर दी। थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने बताया कि आरक्षी की तहरीर पर दोनों पक्षों से उक्त नामजद सातों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
दोनों वाहन थाने में खड़े करा दिए गए हैं। लेकिन सवाल यह है कि जहा सरकार द्वारा थाने को हाईटेक बनाए जाने का दावा लगातार किया जा रहा है वहा पर ऐसी घटना का होना आम जनमानस के अंदर भय का माहौल तो पैदा कर ही रही है।साथ ही साथ पुलिस प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई गंभीर प्रश्न खड़े कर रही हैं।देखना यह होगा कि दबंगों के ऊपर पुलिस प्रशासन कब और क्या कार्यवाही करती है?