Lucknow : गन्ना अनुसंधान संस्थान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का किया गया आयोजन

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लखनऊ, शिव सिंह : भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा शुगर टेस्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसटीएआई) के सहयोग से गुरुवार को “गन्ने की खेती का मशीनीकरण, परिचालन, पर्यावरण और नीतिगत बाधाएँ” विषय पर भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में एक-दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ परिषद गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। डा० आर विश्वनाथन निदेशक भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने मुख्य अतिथि माननीय संजय सिंह गंगवार राज्य मंत्री चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग उत्तर प्रदेश सरकार का स्वागत किया।

डा० आर विश्वनाथन ने गन्ना मशीनीकरण की उपलब्धियों की दी जानकारी

सम्मानित अतिथि के रूप म़े डा० सुशील सोलोमन पूर्व निदेशक आईआईएसआर पूर्व कुलपति चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर एवं उपाध्यक्ष आईएपीएसआईटी वीके शुक्ला अतिरिक्त गन्ना आयुक्त (विकास/अनुसंधान और समन्वय) चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग तथा कार्यक्रम में उपस्थित हुए। डा० आर विश्वनाथन ने गन्ना मशीनीकरण के क्षेत्र में आईआईएसआर की उपलब्धियों के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि संस्थान ने कई मशीनरी जैसे गन्ना कटर प्लांटर, पेयर-रो गन्ना प्लांटर, रेज्ड बेड सीडर (आरबीएस), रैटून मैनेजमेंट डिवाइस (आरएमडी), ट्रॅच मेकर, ट्रैच प्लांटर, रैट्रन प्रमोटर, प्लांट अवशेष श्रेडर, गन्ना डिट्रैशर आदि के डिजाइन, विकास और व्यावसायीकरण के माध्यम से गन्ने की खेती के मशीनीकरण के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है।

इनमें से कई मशीनें विभिन्न राज्यों में कई संगठनों,चीनी मिलों एवं किसानों को आपूर्ति की गई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रौद्योगिकी प्रसार को बढ़ावा देने हेतु संस्थान विस्तार-कर्मियों के लिए नियमित रूप से 20-30 इन-हाउस प्रशिक्षण आयोजित करता है। मुख्य अतिथि संजय सिंह गंगवार ने इस संगोष्ठी के आयोजन के लिए संस्थान एवं एसटीएआई को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग आजादी के अमृत काल में चल रहे हैं और हमारे गन्ना किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं। विकासशील भारत से विकसित भारत बनने की यात्रा में गन्ना किसान भी कदम रख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के गांव तभी स्मार्ट होंगे जब अन्नदाता किसान भी स्मार्ट होगा और इसके लिए गांव में मशीनीकरण और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना होगा, जिस से अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी इसका पूर्ण लाभ मिलेगा। डा० एके सिंह विभागाध्यक्ष कृषि अभियांत्रिकी विभाग ने संस्थान की स्थापना के बाद से गन्ना मशीनीकरण के इतिहास पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के अंत में डा० जीपी राव ने धन्यवाद ज्ञापन व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डा० अनीता सावनानी ने किया।

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