पंजाब में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।प्रदेश में कांग्रेस द्वारा सीएम चेहरे की घोषणा के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी कम है। रविवार को एक बार फिर उनकी नाराजगी तब दिखाई दी जब उन्हें एक चुनावी मंच पर भाषण देने के लिए बुलाया गया। मंच पर बुलाए जाने के बाद उन्होंने हाथ जोड़कर भाषण देने से इनकार कर दिया। खास बात यह है कि इस चुनावी मंच पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और चरणजीत सिंह चन्नी मौजूद रहे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू ने धुरी में कांग्रेस उम्मीदवार दलबीर सिंह गोल्डी की रैली में भाषण देने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, सिद्धू मंच से अपना नाम पुकार कर उठे, हाथ जोड़कर चन्नी की ओर इशारा किया और कहा कि उन्हें बुलाया जाए।
बता दें कि जब से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किया है, तब से नवजोत सिंह सिद्धू नाराज चल रहे हैं। ज्ञात हो कि जब सीएम चेहरे का फैसला लिया गया था तब सिद्धू ने कहा था कि पार्टी आलाकमान का फैसला उन्हें मंजूर है। लेकिन उनके व्यवहार से पता चलता है कि उनके अंदर अभी भी एक जकड़न है।
चुनाव प्रचार से नदारद सिद्धू
गौरतलब है कि चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों पंजाब चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दौड़ में थे। लेकिन लुधियाना में राहुल गांधी ने चन्नी के नाम पर मुहर लगाते हुए कहा कि चन्नी कार्यकर्ताओं और विधायकों की पहली पसंद हैं। सीएम चेहरे की घोषणा के बाद चन्नी और सिद्धू ने एक-दूसरे को गले लगाया, लेकिन तब से सिद्धू चुनावी कार्यक्रमों से गायब हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सिद्धू की नाराजगी खत्म क्यों नहीं हो रही है?
वहीं दूसरी तरफ उनकी बेटी राबिया पिता सिद्धू के लिए चुनाव प्रचार में उतर चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में चन्नी को सीएम चेहरा घोषित किए जाने पर नाराजगी जताई थी और चन्नी को गरीब कहने पर गुस्सा जताया था। राबिया ने यहां तक कह दिया कि वह तब तक शादी नहीं करेंगी जब तक उनके पिता की जीत नहीं हो जाती।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू की बेटी अमृतसर पूर्व सीट से अपने पिता के लिए प्रचार करने निकली थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात की और बताया कि वह पिता के लिए मन्नत लेकर प्रचार करने निकली हैं।
अमृतसर ईस्ट सीट पर भीषण
गौरतलब है कि पंजाब चुनाव में अमृतसर पूर्व सीट काफी दिलचस्प हो गई है। बिक्रम सिंह मजीठिया ने सिद्धू की चुनौती स्वीकार करते हुए इस सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। यह भी कहा जा रहा है कि मजीठिया को अन्य पार्टियों का भी आंतरिक समर्थन मिल रहा है ताकि सिद्धू को हराया जा सके।