पुंछ, संवाददाता : ढाई वर्षो में पहली बार सैन्य वाहन पर हमला करने के बाद आतंकी जान बचाकर भागने पर मजबूर हैं। आतंकी हमले का शिकार हुए वायुसेना के वाहनों में सवार जवानों की जवाबी कार्रवाई ने ही आतंकियों को भागने पर मजबूर कर दिया। इस बार आतंकी हमले में शहादत का आंकड़ा भी कम हुआ है। जबकि इस हमले में चार जवान घायल हुए हैं लेकिन आतंकियों को किसी जवान के शव को क्षत विक्षित करने उनके नापाक एवं क्रूर इरादे पूरे करने का मौका नहीं मिल पाया।
डन्ना शाहस्तार इलाके की है घटना
जानकारी के मुताबिक शनिवार देर शाम को पुंछ जिले की सुरनकोट एवं मेंढर तहसील की सीमा पर स्थित डन्ना शाहस्तार इलाके में आतंकियों ने योजनाबद्ध तरीके से वायुसेना के काफिले पर हमला कर बड़ी घटना को अंजाम देने का प्रयास किया था। इसके लिए आतंकियों ने भाटादूड़ियां और देहरा गली की ही तरह वाहनों को बीच रास्ते में रोककर उन पर हमला करते हुए तीन तरफ से आधुनिक हथियारों से चीन निर्मित स्टील बुलेट का प्रयोग किया था।
आतंकियों की मंशा इस बार भी देहरा गली की ही तरह वाहनों में सवार जवानों को शहीद कर उनके शवों को क्षत विक्षित करने का इरादा था। इसके लिए आतंकियों ने तीन तरफ से हमला करते हुए आगे चल रहे वायु सेना के वाहन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई , जिसमें कम से कम 28 गोलियां वाहन पर लगीं। मगर हमलावर आतंकियों को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि इस बार उनके नापाक इरादे पूरे नहीं हो पांएगे। साथ ही पिछले वाहन पर सवार जवानों ने बहादुरी का परिचय देते हुए घायल होने के बावजूद आतंकियों की तरफ जवाबी गोलीबारी करनी शुरू कर दी। इसके चलते आतंकियों को वहां से भागना पड़ा।
सूत्रों के मुताबिक जवाबी कार्रवाई ऐसी थी कि आतंकियों को ग्रेनेड तक दागने का मौका नहीं मिल पाया। जवाबी कार्रवाई को अंजाम देने वाले जवानों के घायल होने एवं अंधेरा होने के कारण वह आतंकियों पर सटीक निशाना नहीं लगा पाए।