प्रयागराज, संवाददाता : डॉ. गजेंदर सिंह गाजियाबाद निवासी की याचिका को स्वीकार करते हुए यूनाइटेड इंडिया इन्सुरेंस कंपनी लिमिटेड ,चेन्नई से जवाब तलब किया है। याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायमूर्ति अजीत कुमार को बताया कि याची ने वर्ष 2000 में एक इन्सुरेंस कवर नोट विस्वास करते हुए बनाया था की ग्राहक उसी दिन शाम को पैसा दे देगा।जब ग्राहक ने शाम को पैसा नही दे सका, तो दूसरे दिन ग्राहक आकर दूसरा कवर नोट चेक देकर उसी दिन का इन्सुरेंस बनवा लिया।
चेक बाउंस हो गया और इसी दौरान गाड़ी का कुछ दिन बाद एक्सीडेंट होने पर ग्राहक ने गलत तरीके से मोटर दुर्घटना अधिनियम के तहत न्यायालय में पहले किये गए इन्सुरेंस पर दावा कर 3 लाख 25 हजार का जुर्माना यूनाइटेड इंडिया कंपनी से ले लिया जिस पर याची की लापरवाही को देखते हुए उसे सेवा से समाप्ति कर दिया गया।जिस याची ने हाइकोर्ट में याचिका दाख़िल की थी जिसको हाइकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच ने याचिका खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किये जॉने पर सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करते हुए जनरल इन्सुरेंस नियमावली के तहत इससे छोटा दंड दिए जाने का निर्देश यूनाइटेड इंडिया कंपनी को दिए जाने पर उसी दंड के बराबर मेजर दंड कम्पलसरी रिटायरमेंट दे दिया। सुप्रीम कोर्ट पुनः जाने पर याची को हाइकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल करने की छूट दिए जाने पर हाइकोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब तलब किया और सुनवाई अगली तारीख 16 अगस्त नियत की गई ।
याची के अधिवक्ता ने बताया कि याची की उम्र 67 साल हो गई है और वर्ष 2000 से कही नौकरी भी नही किया। याची को पूरा खर्चा उचित मुआबजा और सारे सेवा से सम्बंधित लाभ दिलाये जाए।