नई दिल्ली, एजेंसी : वैसे तो आपसी सहमति से शांति पूर्ण माहौल में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाने के लिए उच्चतम न्यायलय से लेकर जिला स्तर तक लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है, लेकिन उच्चतम न्यायालय में सोमवार से शुरू हो रही पांच दिवसीय विशेष लोक अदालत कुछ अलग है। उच्चतम न्यायालय अपनी 75वीं वर्षगांठ पर पहली बार पांच दिवसीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।
आपसी सहमति से विवादों को निपटाया जाएगा
सोमवार को मुख्य जज डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली अदालत सहित उच्चतम न्यायालय की सात अदालतों में विशेष लोक अदालतें लगेंगी जो मध्यस्थता करते हुए पक्षकारों की आपसी सहमति से विवादों को निपटाएंगी। उच्चतम न्यायालय में ये विशेष अदालत 29 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक चलेगी और इसमें पक्षकारों की सहमति से सौहार्दपूर्ण ढंग से हजारों मामले निपटने की उम्मीद है। इससे उच्चतम न्यायालय में लंबित मुकदमों में भी कुछ कमी आएगी।
मुख्य न्यायाधीश ने की थी ये अपील
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गत 18 जून को ही उच्चतम न्यायालय वेबसाइट पर एक वीडियो संदेश जारी कर वकीलों और पक्षकारों से अपने विवादों को हल कराने के लिए विशेष लोक अदालत में प्रकरण पंजीकृत कराने की अपील की थी। लोक अदालत में निपटारे के लिए केस पंजीकृत होने शुरू कर दिए गए थे।
14 हजार केस सुनवाई के लिए पंजीकृत
उच्च न्यायालय के विश्वस्त सूत्रो से ज्ञात हुआ हैं कि इस क्रम में विभिन्न श्रेणियों के 14 हजार से ज्यादा केस लोक अदालत में सुनवाई के लिए पंजीकृत कर दिए गए है उस लिस्ट से सुनवाई के लिए केसों को बाटा गया है। सोमवार को सात अदालतों में लोक अदालत के कुल 300 से ज्यादा केस निपटारे के लिए लगे हैं। जिसमें से मुख्य जज कोर्ट में 68 केस लगे हैं बाकी अदालतों में औसतन 45 से 50 केस लगे हैं।
सुबह रुटीन के मुकदमों की होगी सुनवाई
लोक अदालत में मुख्य न्यायाधीश की अदालत से लेकर सात अदालतें पहले सुबह रुटीन के मुकदमों की सुनवाई करेंगी। भोजनावकाश के बाद दो बजे से विशेष लोक अदालत के मामलों का निपटारा किया जाएगा। पांच दिन चलने वाली विशेष लोक अदालत में यही व्यवस्था रहेगी।
विशेष लोक अदालत के लिंक जारी
विशेष लोक अदालत में पक्षकारों और वकीलों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है और इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा भी सुनवाई की सुविधा उपलब्ध होगी। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर सातों अदालतों में लगने वाली विशेष लोक अदालत के लिंक जारी कर दिए गए हैं।
इन विवादों का किया जायेगा निपटारा
पक्षकार देश के किसी भी इलाके से सुनवाई में जुड़ सकते हैं। लोक अदालत में, संपत्ति विवाद, मोटर दुर्घटना दावा,वैवाहिक विवाद जमीन अधिग्रहण, मुआवजा, सर्विस और लेबर आदि प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा। लोक अदालतें मध्यस्थता के द्वारा विवाद के हल का मंच उपलब्ध करा लंबित मामलों के शांति पूर्ण समाधान की राह बनाती हैं।