कानपुर, आनंद सिंह : हर्ष फायरिंग में चचेरी बहू की मौत के प्रकरण में गैर इरादतन हत्या के दोषी सेवानिवृत्त सैनिक को अपर जिला जज 16 डॉ. अमित वर्मा ने 10 साल कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर दो हजार रुपये अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की आधी धनराशि मृतका के वारिसान को मिलेगी। मृतका फतेहपुर में जिला जज के स्टेनोग्राफर की पत्नी थी।
नरवल के नौगवां स्थित जय प्रयाग मैरिज लॉन में आठ फरवरी 2023 को अहिरवां के विराटनगर निवासी अंकित की प्रिया से शादी हो रही थी। अंकित के चचेरे भाई आनंद दीक्षित भी पत्नी रश्मि, बेटी अनुष्का व बेटे अंशुमान के साथ आए थे। अगवानी के समय आनंद के चाचा अजय कुमार दीक्षित जो सेवानिवृत्त सैनिक थे, हर्ष फायरिंग कर रहे थे। इसी दौरान अजय की लाइसेंसी बंदूक से चली गोली रश्मि की कनपटी पर लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मैरिज लॉन के चौकीदार ने नर्वल थाने में दर्ज कराई थी रिपोर्ट
मैरिज लॉन के चौकीदार नरवल के ग्राम पोहार निवासी जियालाल ने नर्वल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजीसी धर्मेंद्र पाल सिंह ने बताया कि अभियोजन की ओर चौकीदार और मृतका के पति आनंद दीक्षित व बेटी अनुष्का समेत दस गवाह कोर्ट में पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अजय कुमार दीक्षित को गैर इरादतन हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई।
लापरवाही ने छीनीं परिवार की खुशियां
कोर्ट ने माना कि अजय सेवानिवृत्त सैनिक है और उसे हथियार चलाने का विशेष अनुभव है, इसलिए उससे अपेक्षा थी कि हथियार चलाते समय विशेष सावधानियां बरते, लेकिन अजय की लापरवाही से एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियां छिन गईं। मृतका की उम्र 40 वर्ष थी और उसके दो नाबालिग बच्चे थे। इस आधार पर कोर्ट नेे भारी जुर्माना लगाया है।
17 महीने में आया फैसला
एडीजीसी धर्मेंद्र पाल सिंह ने बताया कि 8 फरवरी 2023 की घटना में चार्जशीट दाखिल होते ही 16 जून 2023 को अजय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय हो गए थे। इसके बाद अभियोजन की ओर से दस और बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह कोर्ट में पेश हुए। दोनों पक्षों की बहस के बाद 17 माह में ही मुकदमे की सभी कार्यवाही पूरी कर कोर्ट ने दोषी को सजा सुना दी।