दिल्ली निवासी कारोबारी के बेनाझाबर स्थित मकान पर अधिवक्ता पिता-पुत्र ने अपने दस वकील साथियों के साथ मिलकर कब्जा कर लिया। विरोध किया, तो आरोपी अधिवक्ताओं ने गालीगलौज कर जान से मारने की धमकी दी। डीसीपी सेंट्रल के आदेश पर स्वरूपनगर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मूलरूप से बेनाझाबर निवासी कारोबारी अभिषेक नारायण तनखा ने बताया कि वह अपनी मां नीलाक्षी के साथ वर्तमान में नई दिल्ली के ईस्टर्न एवेन्यू सैनिक फार्म्स में रहते हैं। नौ अगस्त की सुबह बेनाझाबर स्थित मकान पहुंचे तो वहां अधिवक्ता राजेश पांडेय का बोर्ड लगा मिला। उन्होंने बोर्ड हटाकर ताला बंद कर दिया।
तभी राजेश पांडेय अपने बेटे सिद्धार्थ व 10 अन्य अधिवक्ताओं संग पहुंच गए। आरोप है अधिवक्ताओं ने उन्हें धमकी दी। पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई। इस दौरान अभिषेक ने मकान से जुड़े दस्तावेज पेश कर दिए, जबकि अधिवक्ता कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर पिता-पुत्र समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर प्रकरण की जांच शुरू कर दिया है।
फर्जी दस्तावेज के द्वारा कब्जाना चाहते थे मकान
पीड़ित ने बताया कि उनके मामा कमल नारायण अविवाहित थे। वर्ष 2021 में कमल की मृत्यु हो गई थी। ननिहाल में नाना, नानी व मामा की मौत के बाद उनकी मम्मी नीलाक्षी ही बेनाझाबर स्थित मकान की मालकिन हैं, लेकिन राजेश पांडेय व उनके बेटे ने अपने साथियों संग मिलकर फर्जी दस्तावेजो के सहारे मकान हड़पने का प्रयास किया।
मेरे मामा की कार का भी कर रहे इस्तेमाल
पीड़ित का आरोप है कि आरोपी पिता-पुत्र उनके मामा की कार व नाना-नानी के जेवरात व घरेलू सामान भी उठा ले गए हैं। यही नहीं, मामा की कार में खुलेआम घूम रहे हैं। कभी कार से कोई वारदात कर सकते हैं। ऐसे में कार भी वापस दिलाने की मांग की।
पहले भी दर्ज हो चुकी है एफआईआर
पीड़ित ने बताया कि अधिवक्ता ने पहले भी उनके मकान में कब्जा करने का प्रयास किया था। उनकी मां ने आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2023 में एफआईआर दर्ज कराई थी। प्रकरण में आरोप पत्र भी दाखिल हो चुका है।