रायबरेली, शैलेश पाल : उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार व माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तरूण सक्सेना के दिशा-निर्देशन में शिवमंगल मौर्य इण्टर कॉलेज सिद्धार्थ नगर, ऊँचाहार रायबरेली में ड्रग्स, धूम्रपान व मद्यपान के उन्मूलन हेतु संवेदीकरण के विषय पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम शौर्य द्वारा गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर दीपप्रज्जवित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी।
महिला, पुरूष व युवा 47 प्रतिशत मादक द्रव्यों के सेवन व नशीली दवाओं करते हैं प्रयोग
इस शिविर में परितोष प्रकाश, अपर सिविल जज द्वारा बताया गया कि ड्रग्स का सेवन करने वाले बच्चों का पढ़ाई व खेल में मन न लगना, आँखों का लाल होना एवं जुबान लड़खड़ना, एनर्जी लूज व आपराधिक गतिविधियों में धीरे-धीरे लिप्त होने संबंधी जानकारी दी गयी। इस शिविर में नीलांचल चौधरी, अपर सिविल जज द्वारा बताया गया कि नशीले पदार्थों के सेवन से चिड़चिड़ापन, पागलपन एवं घबराहट व असमय मृत्यु तथा ड्रग्स, स्मैक, गांजा व कोकीन के प्रकार व उनसे होने वाले नुकसान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी।
शिविर में रविन्द्र प्रताप सिंह, जिला आबकारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के रूप मनाया जाता है। नशा मुक्त भारत अभियान की शुरूआत 15 अगस्त 2020 को हुई थी। वर्तमान में भारत में महिला, पुरूष व युवा 47 प्रतिशत मादक द्रव्यों के सेवन व नशीली दवाओं प्रयोग करते हैं शिविर में उपस्थित बच्चों को बताया गया कि तम्बाकू सिगरेट व अन्य मादक पदार्थों से दूर रहे तथा अपने माता-पिता व अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें।
इस कार्यक्रम में हर्षिता सिंह, अपर सिविल जज द्वारा बताया गया कि मादक पदार्थ हमें सामाजिक स्तर, अपने परिवार व लोगों को वास्तविकता से दूर रखती है। नशे से शारीरिक, मानसिक कार्यप्रणाली, रचनात्मकता को कम करने के संबंध में बताया गया। इस कार्यक्रम में समृद्धि मिश्रा, अपर सिविल जज द्वारा भी जानकारी दी गयी। इसके अतिरिक्त उपस्थित बच्चों को विडियो क्लिप के माध्यम से जागरूक किया गया।