नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : भारत ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ी सफलता प्राप्त करते हुए पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण का सफलतापूर्वक परीक्षण करके विश्व में एक पहचान बनाई है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन परीक्षणों के दौरान, राकेटों के व्यापक परीक्षण के माध्यम से ‘प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट यानी पीएसक्यूआर के मापदंडों, जैसे कि रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड (सैल्वो तोपखाने या आग्नेयास्त्रों का एक साथ प्रयोग है जिसमें लक्ष्य को भेदने के लिए तोपों से गोलीबारी सम्मलित है) में कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की दर का आकलन किया गया है।
12 राकेटों का हुआ परीक्षण
बयान में आगे बताया गया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पीएसक्यूआर वेलिडेशन टेस्ट के भाग के रूप में निर्देशित पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि लांचर उत्पादन एजेंसियों द्वारा अपग्रेड किए गए दो इन-सर्विस पिनाक लांचर से कुल बारह राकेटों का परीक्षण किया गया है।
क्या है पिनाक हथियार ?
पिनाक हथियार सिस्टम, दुश्मनों के लिए कहर बनकर टूटेगा। इसकी मारक क्षमता में अत्यधिक वद्धि हुई है। अब ये 75 किलोमीटर दूर तक 25 मीटर के दायरे में सटीक निशाना लगा सकता है। इसकी रफ्तार 1000-1200 मीटर प्रति सेकेंड है, यानी एक सेकेंड में एक किलोमीटर। फायर होने के बाद इसे रोकना नामुमकिन है। पहले पिनाक की मारक क्षमता 38 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 75 किलोमीटर हो जाएगी। इसकी सटीकता भी पहले से कई गुना बेहतर हुई है।