मऊ, संवाददाता : जनपद मऊ में किसानों द्वारा व्यापक रूप से उगाए जा रहे फल, सब्जियां पूर्व से ही कृषकों की सतत दैनिक आय में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं परंतु विगत वर्षों में सरकार एवं किसानों के प्रयासों से नए उद्यानिकी क्षेत्र जैसे मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, नवोन्मेषी कृषि के रूप में आय का अतिरिक्त साधन बने हैं।
इन्हीं प्रयासों को बल देते हुए जनपद मऊ में अभी तक हो रहे आम, केला, अमरूद जैसे फलों तथा शाकभाजी की विभिन्न फसलों के साथ-साथ नई फसलों के रूप में उद्यान विभाग द्वारा स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट की खेती कृषको के मध्य कराते हुए उत्पादन एवं आय की वृद्धि के साथ-साथ राज्य की अनुदान सहायता किसानों को प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है।
खाद्य पदार्थों में जनपद मऊ में भी घरेलू एवं विभिन्न वैवाहिक आयोजनों, पार्टियों में मशरूम की भारी खपत हो रही है एवं अभी मशरूम में मात्र कुछ किसान ही स्थानीय स्तर पर शीत ऋतु में झोपड़ी लगाकर थोड़ा बहुत मशरूम उत्पादन किया करते थे जिससे जनपद में मशरूम बाहर से मंगा कर ही सुलभ हो पाता था।
अतिरिक्त चैंबर निर्माण से और बढ़ेगी क्षमता
जिला उद्यान अधिकारी मऊ, संदीप कुमार गुप्त ने बताया गया कि जनपद में मशरूम की खेती एवं बाजार की संभावनाओं को देखते हुए हाईटेक ए०सी० मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना हेतु कृषकों के मध्य किए गए प्रचार प्रसार के फलस्वरुप, फतेहपुर मंडाव विकासखंड के ग्राम परसूपुर दिघेडा के कृषक श्याम सुंदर सिंह ने रुचि दिखाई तथा उद्यान विभाग की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में मशरूम उत्पादन इकाई, कंपोस्ट मेकिंग इकाई एवं स्पान मेकिंग इकाई के निर्माण कराने हेतु आवेदन किया गया जिसकी स्वीकृति मिलने के बाद किसान द्वारा वर्ष 2023-24 में ही मशरूम उत्पादन इकाई, कंपोस्ट मेकिंग इकाई की स्थापना का कार्य पूर्ण कर लिया गया।कृषक को समय से अनुदान उपलब्ध कराने हेतु जिलाधिकारी मऊ द्वारा गठित टास्क फोर्स के माध्यम से विगत शुक्रवार को सत्यापन कराया गया है।
टास्क फोर्स के सचिव सदस्य जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार कृषक के यहां निर्मित मशरूम की दोनों इकाइयों का भौतिक निरीक्षण गठित समिति अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, प्रभारी अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र, पिलखी, सदस्यगण जयकरण सिंह,उपनिदेशक उद्यान, आजमगढ़ मंडल, मनोज कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, मऊ, सोमप्रकाश गुप्त, जिला कृषि अधिकारी एवं जिला उद्यान अधिकारी द्वारा किया गया है। दोनों इकाई, विभागीय मानकनुसार निर्मित है, उत्पादन भी शुरू हो गया है।
कृषक द्वारा इकाई के विस्तार हेतु प्रस्तावित अतिरिक्त चैंबरों के अनुदान हेतु भी विभाग में आवेदन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कृषक द्वारा भविष्य में आठ चैंबर तक के मशरूम उत्पादन इकाई बना लिए जाने से जनपद की प्रथम आधुनिक मशरूम के रूप में स्थापित होगी तथा उनका खुद का उत्पादन आगामी वर्षों में 100 टन से अधिक होगा जिससे कृषक के वार्षिक आय में लाखों रुपए की बढ़ोतरी संभावित है, साथ ही ऐसे कृषक अन्य किसानों हेतु रोल मॉडल बनेंगे।
ए०सी० लघु मशरूम उत्पादन इकाइयां स्थापित
कृषक द्वारा मशरूम का प्रसंस्करण, अचार उद्योग एवं मशरुम को डिब्बा बंद बेचने हेतु उद्योग स्थापना की रुचि को देखते हुए उनको भविष्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति से भी लाभ दिलाने की कार्रवाई की जाएगी। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी मऊ के निर्देशों के क्रम में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में भी ए०सी० लघु मशरूम उत्पादन इकाइयां जनपद में लगाई गई है जिनका उत्पादन प्रारंभ हो गया है एवं भविष्य में जनपद मशरूम उत्पादन में अग्रणी जिलों में शुमार होगा तथा जनपद की अर्थव्यवस्था प्रदेश में अपना एक मजबूत रोल स्थापित करेगी।
मशरूम उत्पादन इकाई संचालक लाभार्थी कृषक पुत्र अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि पिता द्वारा बैंक लोन से मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना की गई है और पिछले तीन-चार माह से उत्पादन भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि दो चैंबर मशरूम के उत्पादन से 30 टन प्रतिवर्ष मशरूम उत्पादन प्राप्त होने की संभावना है। मशरूम की बुवाई में खुद से तैयार की गई कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं। मशरूम के बीज स्पान यूनिट की स्थापना भविष्य में कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि मशरूम कंपोस्ट मेकिंग यूनिट और मशरूम उत्पादन निर्माण हेतु लागत का 40 प्रतिशत अधिकतम रुपया सोलह लाख हेतु विभाग में आवेदन किया है एवं उनके द्वारा मशरूम उत्पादन हेतु चार चैंबर लगभग तैयार है जिसको भविष्य में आठ चैंबर तक बढ़ाया जाएगा।