नई दिल्ली, एंटरटेनमेंट डेस्क : लोक लाज के चलते आज महिलाएं खुले में शौच नहीं जातीं। उसकी वजह से कई बार उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, खासकर गांवों जैसे इलाकों में, लेकिन अगर ऐसा ई रिक्शा बनाया जाए जिसमें टायलेट की सुविधा हो और अपने आसपास के इलाकों में मोबाइल फोन करके बुलाया जा सके और फिर मामूली शुल्क देकर उस शौचालय का इस्तेमाल करें तो महिलाएं ही नहीं पुरुषों के खुले में शौच करने की समस्या से मुक्ति पाने की दिशा में बेहतरीन कदम हो सकता है।
सुनने में बढ़ा अजीब लगता है ,लेकिन इसी विषय पर आधारित है करण आनंद और संजय मिश्रा अभिनीत फिल्म ‘जाइए आप कहां जाएंगे’।
फिल्म को लेकर किया निर्माण का लक्ष्य
रविवार को फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित इस फिल्म को लेकर इसके निर्माता हनवंत खत्री बोले , मेरा लक्ष्य हमेशा ऐसे मुद्दों को लेकर फिल्म बनाने का रहा है जो सकारात्मक संदेश दें। इसी कड़ी में जब मैंने यह स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे लगा कि अगर इसे बनाया जाए तो काफी प्रशंसा मिलेगी। वैसा ही हो रहा है, फिल्म फेस्टिवल में इसे दर्शकों ने काफी पसंद किया।
फिल्म में रिक्शावाला की भूमिका निभाने वाले करण आनंद ने कहा, जागरण फिल्म फेस्टिवल में फिल्म को मिली प्रतिक्रिया देखकर काफी आनंदित महसूस कर रहा हूं। मैं तो चाहूंगा कि मेरी अगली जितनी भी फिल्में आएं, वह फिल्म फेस्टिवल में जरूर आएं, ताकि हर वर्ष मैं भी यहां पर आ सकूं।
संजय मिश्रा के साथ कार्य करने पर बोले करण आनंद
अपनी भूमिका निभाने को लेकर करण बोले कि पहली बात तो मैं अपने निर्माता-निर्देशक का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे रिक्शा चालक बनने का अवसर दिया, क्योंकि मैं वैसा दिखता नहीं हूं। फिल्म में उनके पिता की भूमिका में संजय मिश्रा हैं। उनके साथ काम के अनुभव को लेकर करण ने कहा, इस फिल्म में बहुत सारे ऐसे दृश्य हैं कि उनके संवाद कुछ और होते थे लेकिन हमने अपने हिसाब से उसमें सुधार भी किया। कहने का अर्थ यह है कि उसकी आत्मा वही रखी, बस शब्द बदल गए। बाकी संजय मंझे हुए अभिनेता हैं।