श्रीनगर, संवाददाता : आजादी के बाद पहली बार कुपवाड़ा के सीमावर्ती सिमारी गांव में सौर ऊर्जा और एलपीजी सुविधा के साथ बिजली पहुंचाई गई, जिससे 53 परिवारों का दशकों पुराना सपना साकार हुआ।
देश का पहला सीमावर्ती गांव सिमारी आजादी के बाद अब पूरी तरह विद्युतीकृत हो गया है। इस गांव में अब बिजली आ गई है। पुणे स्थित एक गैर-सरकारी संगठन असीम फाउंडेशन और चिनार कोर के तहत सेना की वज्र डिवीजन के सहयोग से इस गांव को पूरी तरह सौर ऊर्जा और एलपीसी सुविधा से लैस किया गया है। असीम फाउंडेशन के संस्थापक व प्रबंध निदेशक सरंग गोसावी ने सौर विद्युतीकरण प्रणाली का उद्घाटन किया।
यह गांव भारत का पहला मतदान बूथ गांव भी है, जो कुपवाड़ा जिले की करनाह घाटी में स्थित है। इसमें 53 परिवार रहते हैं। गांव के मुखिया ने खुशी के आंसुओं के साथ अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, यह खुशी है, यह आनंद है और यह आजादी है क्योंकि हमारे गांव में पहली बार बिजली आई है।
अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता-ग्रामीण
अब हमारे बच्चों को इससे सबसे अधिक लाभ होगा। उनकी पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसा लगता है जैसे हमारा दशकों पुराना सपना पूरा हो गया। हम असीम फाउंडेशन, विशेष रूप से संगठन के अध्यक्ष सरंग गोसावी के बहुत आभारी हैं, जिन्होंने हमारे उदास चेहरों पर मुस्कान ला दी। हमें अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि यह सपना सच हो गया।
एक अन्य ग्रामीण ने कहा, मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि हमें पहली बार बिजली की आपूर्ति मिली है। हम बेहद खुश हैं। इससे पहले हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, खासकर हमारे बच्चों को, जिन्हें बिजली न होने के कारण रात में टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ती थी। रात के समय बिना रोशनी के सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। मैं वास्तव में खुश हूं कि कम से कम मेरी भावी पीढ़ी के लिए रोशनी दिख रही है।
असीम फाउंडेशन के अध्यक्ष सरंग गोसावी ने कहा, इस परियोजना ने 53 परिवारों को सौर माइक्रोग्रिड और स्वच्छ खाना पकाने के लिए एलपीजी किट प्रदान करके उनकी जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है। उन्होंने आगे कहा, “यह पहल शौर्य चक्र और सेना मेडल प्राप्त कर्नल संतोष महादिक की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्योछावर किए।
इससे पहले, असीम फाउंडेशन ने गुरेज घाटी में गागर हिल, जाबरी, सुमवाली, चुटाली, रिफ्यूजी-1 और रिफ्यूजी-2 जैसे दूरदराज के गांवों में इसी तरह की सौर ग्रिड परियोजनाएं स्थापित की हैं।