इस्लामाबाद, डिजिटल डेस्क : पहलगाम में कायरता से हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई की है। जिसके चलते पाकिस्तान के बड़े नेता अपना होश खो बैठे हैं। इस कड़ी में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सहयोगी बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंधु जल संधि विवाद पर भड़काऊ टिप्पणी करते हुए कहा कि नदी में खून बहेगा।
मैं सिंधु नदी के साथ खड़ा हूं- भुट्टो
जरदारी ने एक सार्वजनिक रैली में कहा कि मैं इस सिंधु नदी के साथ खड़ा हूं और भारत को संदेश देता हूं कि सिंधु नदी हमारी है, या तो हमारा पानी इस नदी में बहेगा या आपका खून बहेगा।
पीएम मोदी को लेकर भी बोला बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बोले कि भारत ने पहलगाम त्रासदी के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। मोदी अपनी कमजोरियों को छिपाने और भारतीय लोगों को मूर्ख बनाने के लिए, (भारतीय प्रधानमंत्री) मोदी ने झूठे आरोप लगाए हैं और सिंधु जल संधि को एकतरफा तरीके से निलंबित कर दिया है, जिसके तहत भारत ने स्वीकार किया है कि सिंधु पाकिस्तान की है। मैं यहां सुक्कुर में सिंधु के पास खड़ा होकर भारत को बताना चाहता हूं कि सिंधु हमारी है और सिंधु हमारी ही रहेगी, चाहे इस सिंधु में पानी बहे या उनका खून।
बिलावल भुट्टो का यह बयान भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए जल संधि को निलंबित करने के बाद आया है, जिसमें 26 लोगों की मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हो गए।
पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान नहीं जाएगी- भारत
इस बीच, भारत ने शुक्रवार को अपना रुख सख्त करते हुए कहा कि केंद्र ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अहम बैठक के बाद भारतीय नदियों के पानी को पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने इस बात पर जोर दिया कि नदियों से गाद निकालने समेत अन्य तत्काल कदमों को प्राथमिकता दी जा रही है।
जल्द ही नदियों से गाद निकालने का कार्य शुरू होगा
पत्रकारों से बात करते हुए पाटिल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में एक रोडमैप तैयार किया गया। बैठक में तीन विकल्पों पर चर्चा की गई। सरकार अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक उपायों पर कार्य कर रही है, ताकि पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान न जाए। जल्द ही नदियों से गाद निकालने का कार्य किया जाएगा, जबकि पानी को रोका जा सके और उसका रुख बदला जा सके।
सिंधु नदी पर विवादित नहर परियोजना पाक ने रद की
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय के बाद पाकिस्तान सरकार ने विवादास्पद नहर परियोजना को रोकने का निर्णय लिया है। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरयम नवाज ने पंजाब प्रांत के रेगिस्तानी क्षेत्र की सिंचाई के लिए महत्वाकांक्षी चोलिस्तान परियोजना का फरवरी में उद्घाटन किया था।
हालांकि, इस परियोजना से सिंध प्रांत में बवाल मच गया। वहां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पीपीपी केंद्र में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सेदार है।
दोनों देशो के बीच तनाव चरम पर
दोनों पक्षों के बीच तनाव के चरम पर भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की। इसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी से मुलाकात की और नहर परियोजना को रोकने पर सहमति व्यक्त की।
विवादास्पद नहर परियोजना स्थगित
उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि विवादास्पद नहर परियोजना तब तक स्थगित रहेगी, जब तक कि काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (सीसीआइ) में इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन जाती। सीसीआइ प्रांतों के बीच विवादों से निपटने के लिए एक उच्चस्तरीय निकाय है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक , बिलावल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि दोनों पक्षों ने देश की स्थिति और नदियों से संबंधित भारत की घोषणाओं पर विस्तार से विचार किया।