बस्तर, संवाददाता : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में देश का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन जारी है। इस ऑपरेशन का आज शनिवार को पांचवां दिन है। बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में ‘ऑपरेशन कगार’ को लेकर सुरक्षा बल ने नक्सलियों के सुरक्षित पनाहगार में घुसकर मोर्चा संभाला हुआ है। यह पहाड़ी जिले के उसूर थाना क्षेत्र के कोतापल्ली गांव के पास है।
करीब 44 से 45 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच फोर्स ने नक्सलियों की मांद में घुसकर किलेबंदी कर रखी है। कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों से लेकर कस्तूरपाड़ तक फोर्स की बैकअप पार्टी मोर्चे पर तैनात है। दोनों तरफ से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। नक्सलियों पर हेलीकॉप्टर से बमबारी की जा रही है। अपनी जान बचाने के लिये नक्सलियों के टॉप लीडर्स पांच हजार ऊंची पहाड़ी में छिपे हुए हैं। फोर्स ने अब तक करीब पांच नक्सली को ढेर कर दिया है, जिसमें महिला समेत तीन नक्सलियों के शव बरामद कर लिये गये हैं।
डरकर नक्सली कर्रेगुट्टा की पांच हजार ऊंची पहाड़ी में छिपे
बड़ी और खास बात ये है देश के सबसे बड़े नक्सल ऑपरेशन से डरकर नक्सली कर्रेगुट्टा की पांच हजार ऊंची पहाड़ी में छिपे बैठे हैं। बताया जाता है कि नक्सली यहां पर पूरी तैयारी के साथ घनी पहाड़ी में हैं। नक्सलियों ने पगडंड़ियों को छोड़कर चारों तरफ आईईडी का जाल बिछा रखा है। जिस पर पैर रखते ही काल के गाल में समा सकते हैं।
ऐसे में उन तक पहुंचना जवानों के लिये टेड़ी खीर है। फिर भी जवान पहाड़ी पर चढ़ने के लिये हर संभव कोशिश कर रहे हैं और चढ़ाई भी शुरू कर दिये हैं। दूसरी ओर नक्सली भी जवानों को क्षति पहुंचाने के लिये हथियार समेत पूरी तैयारी के साथ बैठे हुए हैं। स्थिति वहां पर कारगिल की तरह नजर आ रही है। जवान नीचे की तरफ (जमीन)से होकर पहाड़ी पर चढ़ने की तैयारी में है तो दूसरी ओर नक्सली ऊंचाई पर छिपकर जवानों को नुकसान पहुंचाने के मूंसबों के साथ छिपे हैं। भीषण गर्मी के बीच पहाड़ी पर चढ़कर नक्सलियों का सामना करना बड़ी चुनौती है।
नक्सलियों ने तीसरी बार लिखा लेटर
अपनी जान आफत में पड़ी देखकर नक्सलियों के के शीर्ष आकाओं के निर्देश पर नक्सलियों ने फिर प्रेस नोट जारी किया है। तीसरी बार जारी प्रेस नोट में एक बार फिर से शांति वार्ता के लिये अपील की गई है। इसमें बीजापुर, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमा में चल रहे नक्सली ऑपरेशन को तुरंत रोकने की बात कही है। नक्सलियों के भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के उत्तर पश्चिम सब जोनल ब्यूरो प्रभारी रूपेश ने पत्र जारी लिखा है कि बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर जारी धेराव-उन्मूलन सैनिक अभियान को तुरंत रोकना चाहिए। सरकार को शांति वार्ता के लिए आगे आना चाहिए। सभी लोग चाहते हैं कि समस्या का समाधान शांति वार्ता के जरिए हो। शांति वार्ता के लिए हमारी पार्टी हमेशा तैयार है।
उसने आगे लिखा है कि हमारी पार्टी के केंद्रीय कमेटी ने भी शांति वार्तां को लेकर पत्र जारी किये थे। विश्वास का कमी को दूर करने के लिए हमारे तरफ से लगातार प्रयास जारी है, लेकिन सरकार का मंशा अलग दिख रहा है। शांति वार्ता के जरिए समस्या हल होने का संभावना रहने के बावजूद सरकार दमन व हिंसा का प्रयोग से समस्या का समाधान के लिए प्रयास कर रहा है।
इसी का नतीजा है बीजापुर तेलंगाना सीमा पर एक बड़ा सैन्य अभियान को लॉन्च किया गया है। इस अभियान को तुरंत रोकना चाहिए। बलों को वापस लेना चाहिए। सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वार्ता के जरिए समस्या का समाधान का रास्ता अपनाये। अनुकूल माहौल बनायें। इस रास्ते से सकारात्मक नतीजा निकलेंगे, बंदूक ‘के बल पर समस्या का समाधान के लिए सरकार की ओर से अमल किये जा रहे कगार सैनिक अभियान को एक महीने के लिए स्थगित करें। हमारे यह अपील पर सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे हैं।
अपील के पीछे ‘नक्सलियों की चाल, एक षड़यंत्र
नक्सलियों के इस पत्र के पीछे एक साजिश, नई चाल और षड़यंत्र नजर आ रहा है। क्योंकि नक्सली नहीं चाहते कि फोर्स उनके सुरक्षित इस पनहगार तक पहुंचे और उनका नापाक मंसूबा कामयाब न हो सके। इस रोकने के लिये नक्सली लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस कड़ी में नक्सली सरकार को अपना पैगाम पहुंचाने के लिये तीन बार प्रेस नोट जारी कर चुके हैं और शांति वार्ता की बात कर रहे है वो भी शर्त के साथ। कुल मिलाकर देख जाये तो फोर्स को चकमा देने के लिये नक्सलियों की ये सोची समझी चाल है।
वो चाहते हैं कि फोर्स इस इलाके से एक महीने के लिये हट जाये और नक्लियों के टॉप लीडर अपने सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच जाये। क्योंकि यदि वहां पर फोर्स तैनात रहेगी तो वहां से निकलना मुश्किल होगा। इससे पहले भी दो बार नक्सली प्रेस नोट जारी कर सरकार से शांति वार्ता की अपील कर चुके हैं। ये तीसरी बार प्रेस नोट जारी किया गया है। दोनों बार छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ने विजय शर्मा नक्सलियों को दो टूक जवाब दे चुके हैं।