नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदलते घटनाक्रम के बीच जो अब तक नहीं बदला है, वो तीन दशक पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए का दस्तावेजी प्रमाण है जो भारत से पाकिस्तान को डर को लगता है।
दस्तावेज में दी गई जानकारियां महत्वपूर्ण
1993 में सीआइए ने एक गोपनीय दस्तावेज नेशनल इंटेलीजेंस एस्टीमेट (एनआइई) को सार्वजनिक किया था। इसमें भारत-पाकिस्तान को लेकर खुफिया मूल्यांकन किया गया था, जो बताता है कि पाक, भारत से डरता है। इस दस्तावेज में दी गई जानकारियां और संभावनाएं आज के समय में भी महत्वपूर्ण हैं।
पाकिस्तान शुरुआत से ही कमजोर रहेगा
भारत से पाकिस्तान काडर आर्थिक या सैन्य नहीं बल्कि अस्तित्व को लेकर भी है। अगर लड़ाई हुई, तो यह कश्मीर जैसे किसी मुद्दे पर होगी और पाकिस्तान प्रारम्भ से ही कमजोर रहेगा। 1992 में बाबरी मस्जिद ढहने और पाकिस्तान में अस्थिरता के बीच सीआइए के अनुभवी ब्रूस रीडेल द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट ने पूर्ण युद्ध की संभावना 20 प्रतिशत जताई थी।
पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थित रणनीति की भी चेतावनी
गलतफहमी, उकसावे या बदले की कार्रवाई से शुरू होने के बाद बड़ा आतंकी हमला, सैन्य अभ्यास से जुड़ी गलतफहमी या अचानक सांप्रदायिक दंगे युद्ध भड़का सकते थे। दोनों देश युद्ध नहीं चाहते थे। लेकिन पाकिस्तान, भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से डरकर कश्मीर में आतंकवादी समूहों का साथ दे सकता था। रिपोर्ट पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थित रणनीति की भी चेतावनी देती है।
पाकिस्तान की कश्मीर नीति डर से प्रेरित
रिपोर्ट कहती है, ”भारत-पाकिस्तान के बीच शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में झुक गया है। भारत की स्थिर सरकार, बढ़ती अर्थव्यवस्था और कूटनीतिक ताकत के सामने पाकिस्तान पिछड़ गया है। अस्थिर सरकार व आर्थिक संकटों से जूझते पाकिस्तान की कश्मीर नीति डर से प्रेरित रही है।
सैन्य असंतुलन पाकिस्तान को परमाणु हथियारों की तैनाती या आतंकवाद जैसी लड़ाई की ओर धकेल सकता है। पाकिस्तान इस्लाम को हथियार बनाकर आतंकियों के साथ मिल सकता है और भारत में धार्मिक ध्रुवीकरण भी पाक के लिए हस्तक्षेप आसान बना सकता है।”
सीआइए ने चेतावनी दी थी कि सावधानी जरूरी है और हाटलाइन व परमाणु समझौते जैसे भरोसे के उपाय कारगर हैं, लेकिन असल लड़ाई में ये बेकार हो जाएंगे। अगर संघर्ष शुरू हो गया, तो फिर इसके नेता प्रोटोकाल की जगह मन की सुनेंगे।
सीआइए ने दी चेतावनी
रिपोर्ट ने यह चेतावनी भी दी थी कि एक बड़ा आतंकी हमला (जैसे पहलगाम), जिसपर दोनों एक-दूसरे को दोष दें, तनाव को भड़का सकता है। यह स्थिति पहले से चले आ रहे विवाद को और गंभीर कर सकती है।