इस्लामाबाद, एजेंसी : पिछले वर्ष बाढ़ से प्रभावित रहे पाकिस्तान के बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा के 68 जिलों में 1.1 करोड़ लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक पाकिस्तान के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 1.1 करोड़ लोग तीव्र खाद्य असुरक्षा की चपेट में रहे। भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के बाद यह हालत और बदतर हो सकती है।
17 लाख लोग आपातकालीन स्थिति में
रिपोर्ट में कहा गया है कि बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। 17 लाख लोग आपातकालीन स्थिति में हैं, जो सबसे गंभीर स्तरों में से एक माना जाता है।
024 की तुलना में इस साल की स्थिति अधिक चिंताजनक है। वर्ष 2024 के दौरान 3.67 करोड़ लोगों का विश्लेषण किया गया, जबकि 2025 में 5.08 करोड़ का विश्लेषण किया गया। इसमें 25 अतिरिक्त जिलों को शामिल किया गया।
1.18 करोड़ को खाद्य असुरक्षा
वहीं, नवंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच किए गए विश्लेषण में 1.18 करोड़ लोग तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे। इनमें 22 लाख लोग आपातकालीन श्रेणी में थे। बच्चों और महिलाओं में कुपोषण की स्थिति भी बेहद गंभीर है। मार्च 2023 से जनवरी 2024 के बीच लगभग 21 लाख बच्चे तीव्र कुपोषण का शिकार हुए।
इनको पर्याप्त पोषण नहीं मिल सका। यह स्थिति सर्दियों के दौरान और खराब हो गई। सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में भी तीव्र कुपोषण पाया गया। परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में जन्मे बच्चों का वजन सामान्य से कम रहा।