छात्रा शर्मिष्ठा पनोली के समर्थन में उतरीं कंगना रनौत

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कोलकाता, ब्यूरो : भाजपा ने पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तार इंफ्लुएंसर व छात्रा शर्मिष्ठा पनौली का समर्थन किया है। विधायक व बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता ने महाकुंभ को मृत्युकुंभ और जय श्रीराम को उनके विरुद्ध इस्तेमाल किया गया अपशब्द बताया।

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने काली को मांस खाने वाली व शराब स्वीकार करने वाली देवी बताया। बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने इस्लाम धर्म में पैदा नहीं होने वालों को दुर्भाग्यशाली कहा, फिर भी उन लोगों के विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई, जबकि शर्मिष्ठा ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद की परिस्थितियों को लेकर टिप्पणी की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

बीजेपी ने किया गिरफ्तार छात्रा का समर्थन

भाजपा के आईटी सेल प्रमुख व बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीयबोले कि शर्मिष्ठा के पोस्ट से कहीं सांप्रदायिक तनाव नहीं फैला है, फिर भी कोलकाता पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में बड़ी जल्दबाजी दिखाई। मुख्यमंत्री ममता ने इससे भी ज्यादा विभाजनकारी बयान दिए हैं। क्या उनके मामले में इतनी तत्परता दिखाई गई? यह दर्शाता है कि वोट बैंक के तुष्टीकरण के लिए कैसे एक हिंदू बेटी को निशाना बनाया जा रहा है ?

शर्मिष्ठा के समर्थन में उतरीं कंगना रनौत
बालीवुड अभिनेत्री व भाजपा सांसद कंगना रनौत बोली कि मैं मानती हूं कि शर्मिष्ठा ने अपने वीडियो में कुछ अनुचित शब्दों का प्रयोग किया है, ऐसे शब्दों का इस्तेमाल आजकल कई युवा कर रहे हैं। मैं बंगाल सरकार से अनुरोध करती हूं कि वह राज्य को दूसरा उत्तर कोरिया न बनाए।

आंध्र प्रदेश डिप्टी सीएम ने भी की निंदा
धर्म से जुड़े प्रकरण में राज्य पुलिस के दोहरे मानदंडों की निंदा करते हुए आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि तृणमूल कांग्रेस के चुने हुए नेता, सांसद सनातन धर्म का मजाक उड़ाते हैं। हमारे धर्म को ‘गंध धर्म’ कहा जाता है, तो आक्रोश कहां है? उनकी माफी कहां है? उनकी त्वरित गिरफ्तारी कहां है? शर्मिष्ठा पनोली की बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तारी पर आलोचना करते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता दोतरफा होनी चाहिए।

डच संसद के सदस्य व दक्षिणपंथी पार्टी फार फ्रीडम के नेता गीर्ट वाइल्डर्स बोले कि शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अपमान है। उन्होंने पीएम मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। वहीं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने कानून की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने शर्मिष्ठा की तत्काल रिहाई और निष्पक्ष सुनवाई की मांग की।

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