इस्लामाबाद, एजेंसी : पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा है कि उसे अफगान तालिबान सरकार को मान्यता देने की कोई जल्दी नहीं है। वह कोई भी फैसला देश हित को ध्यान में रखते हुए लेंगे। यह टिप्पणी रूस द्वारा तालिबान के शासन को आधिकारिक रूप से मान्यता देने वाला पहला देश बनने के कुछ दिनों बाद आई है।
पर्यवेक्षकों का मानना है कि मॉस्को का फैसला अन्य देशों द्वारा तालिबान को अंतत: अपनाने की प्रस्तावना हो सकता है।
‘रूस का निर्णय कोई आश्चर्य की बात नहीं’
पाकिस्तानी अधिकारियों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार से कहा कि रूस का फैसला कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि मॉस्को ने कुछ समय पहले ही संकेत दे दिए थे कि वे इस तथ्य को स्वीकार कर लेंगे कि तालिबान अब शासन में है। उनके शासन को स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है।
रूस का यह निर्णय इस तथ्य से भी उपजा है कि तालिबान सरकार के साथ ज्यादा से ज्यादा जुड़ाव आतंकवादी खतरे से निपटने और इसके भू-रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
पाकिस्तानी अधिकारी ने क्या कहा ?
एक पाकिस्तानी अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या इस्लामाबाद भी तालिबान शासन को मान्यता देगा, तो उन्होंने कहा कि हम निश्चित रूप से अपने देश के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेंगे। मैं कह सकता हूं कि इसमें कोई जल्दबाजी नहीं है। जबकि, एक सूत्र ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि अगर अन्य क्षेत्रीय देश रूस के नक्शेकदम पर चले तो पाकिस्तान अधिक व्यावहारिक रुख अपना सकता है।