नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : मई में ऑपरेशन सिंदूर के समय भारत ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। भारत से बुरी तरह से पिटने के बाद से पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आ गई। इसके बाद खबर थी कि पाक अपने कथित दोस्त चीन के साथ एक बड़ा रक्षा समझौता करने पर विचार कर रहा था।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पाकिस्तान चीन के पांचवीं जेनेरेशन के J-35A स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। पाकिस्तान पहला देश था जो इस लड़ाकू विमान को चीन से खरीदने जा रहा था। हालांकि, अब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने यूटर्न ले लिया है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने चीन के साथ इस विमान से जुड़े रक्षा समझौते को लेकर इनकार किया है।
दो कारणों से पाकिस्तान हटा पीछे ?
अचानक पाकिस्तानी रक्षामंत्री के यूटर्न लेने के बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं। पाकिस्तान के चीन के साथ इस सौदे से पीछे हटने की मुख्य दो कारण माना जा रहा हैं। कुछ सूत्रों ने दावा किया है कि अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान ने ये फैसला किया है। वहीं, दूसरी वजह मानी जा रही है कि चीन ने अपने जे-35ए के इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्त रख दिया है।
चीन ने दिया था आधे दाम में विमान खरीदने का ऑफर
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि चीन ने पाकिस्तान को जे-35ए खरीदने के लिए शानदार ऑफर दिया था। चीन ने 50 प्रतिशत डिसकाउंट के साथ पाकिस्तान को ये स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की पेशकश की थी। कहा जा रहा था कि इस फाइटर जेट की डिलीवरी इस वर्ष अगस्त से शुरू हो सकती है। जबकि, इससे पहले ही पाकिस्तान ने अपना फैसला बदल लिया।
एक साक्षात्कार के दौरान पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि हम चीन से यह फाइटर जेट नहीं खरीदने जा रहे हैं। यह केवल मीडिया में चल रहा है। यह चीनी रक्षा बिक्री के लिए अच्छा है। इसके साथ ही एक बयान में कहा गया था कि चीन ने पीएल-17 एयर टू एयर मिसाइल भी देने का ऑफर दिया था।
हर मामले में चीन पर निर्भर है पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान रक्षा मामले में पूरी तरीके से चीन पर निर्भर है। बता दें कि चीन ही पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है। एक अनुमान के मुताबिक, चीन पाकिस्तान का लगभग 80 प्रतिशत सैन्य हार्डवेयर चीन से ही आता है। हाल के दिनों में कई हथियारों को पाकिस्तान ने प्रदर्शित किया था, जो पूरी तरीके से चीन में बने हुए हैं।