नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : फर्जी दस्तावेजों के सहारे लोन लेने और लोन का दुरुपयोग करने के मामले में ईडी प्रसिद्ध उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) से पूछताछ की। ईडी के निशाने पर अनिल अंबानी की विभिन्न कंपनियों द्वारा लिया गया 17 हजार करोड़ रुपए का लोन है।
इनमें भी ईडी खासतौर पर येस बैंक (Yes Bank) से लिया गया तीन हजार करोड़ रुपए की लोन की जांच कर रहा है, जिसके एवज में बैंक के प्रमोटरों को रिश्वत देने का आरोप है। इसके साथ की अनिल अंबानी की कंपनी को 68.2 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी उपलब्ध कराने के आरोप में ईडी बिस्वाल ट्रेडलिंक के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
अनिल अंबानी से आगे भी पूछताछ जारी रहेगी। ईडी (ED) के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मंगलवार को पूछताछ में अनिल अंबानी से मुख्यतौर पर सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को दिये गए फर्जी बैंक गांरटी के बारे में पूछताछ की गई।
टेंडर के लिए दी फर्जी बैंक गारंटी
आरोप है कि SECI से टेंडर हासिल करने के लिए रिलायंस पावर ने यह फर्जी बैंक गारंटी दी थी। इसके एवज में बिस्वास ट्रेडलिंक को अनिल अंबानी की एक अन्य कंपनी से 5.4 करोड़ रुपए मिले थे। इस मामले की दिल्ली पुलिस की विशेष अपराध शाखा जांच कर रही है।
2017-2019 में दिए गए थे ये लोन
इसके अलावा येस बैंक से लिए गए 3000 करोड़ रुपए के लोन के बारे में सवाल पूछे गए। ये लोन 2017 से 2019 के बीच दिये गए थे। बाद में यह लोन एनपीएन बन गया लेकिन ईडी का दावा है कि इस लोन की रकम को अनिल अंबानी की दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर किये जाने के सबूत हैं।