नई दिल्ली ,डिजिटल डेस्क : संपूर्ण सेहत के साथ पारिस्थितिकी संतुलन और सतत विकास को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष ‘लोगों के लिए आयुर्वेद, ग्रह के लिए आयुर्वेद’ की थीम के साथ आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है।
इस उपलक्ष्य में गोवा में आयोजित होने जा रहे भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव सहित कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रहेगी। आयुर्वेद दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय धन्वन्तरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 भी प्रदान किया जाएगा। साथ ही आयुर्वेद संबंधी कार्यक्रमों और अभियानों से जुड़ी घोषणाएं की भी जाएंगी।
2014 में हुआ था आयुष मंत्रालय का गठन
आयुष मंत्रालय का गठन वर्ष 2014 में हुआ था और वर्ष 2016 से प्रति वर्ष धन त्रयोदशी के दिन आयुर्वेद दिवस मानाया जाता रहा है। धन त्रयोदशी की तिथि में बार-बार परिवर्तन होने के कारण इस वर्ष से आयुर्वेद दिवस का आयोजन अब 23 सितंबर को मनाने का फैसला किया गया है।
क्यों खास है आयुर्वेद दिवस का आयोजन?
यह इसलिए भी खास है क्योंकि 23 सितंबर को दिन और रात का समय लगभग बराबर होता है। साल 2017 में आयुर्वेद दिवस मनाने की परंपरा जहां 24 देशों से शुरू हुई थी, तो वही 2024 में 150 से अधिक देशों में आयुर्वेद दिवस मनाया गया। दुनियाभर में अव्यवस्थित जीवनशैली और गैर-संचारी रोगों का भार जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे लोग सेहत देखभाल की इस पारंपरिक उपचार विधा की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।