पूर्णिया ,संवाददाता : अमौर सीट पर जेडीयू ने साबिर अली को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं ओवैसी की पार्टी AIMIM से अभी इस सीट से अख्तरुल ईमान विधायक हैं। ऐसे में AIMIM ने एक बार फिर अख्तरुल ईमान पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर अब्दुल जलील मस्तान को टिकट देकर चुनावी रण में उतारा है।
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में राज्य की अमौर विधानसभा सीट पर मतदान होगा। पूर्णिया जिले की इस मुस्लिम बाहुल सीट पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला है। यहां पर जातिगत समीकरण के साथ विकास के मुद्दे भी निर्णायक साबित हो सकते हैं। बता दें कि पूर्णिया जिले की अमौर विधानसभा सीट से तीन प्रमुख मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं।
किसके बीच मुकाबला
अमौर सीट पर जेडीयू ने साबिर अली को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं ओवैसी की पार्टी AIMIM से अभी इस सीट से अख्तरुल ईमान विधायक हैं। ऐसे में AIMIM ने एक बार फिर अख्तरुल ईमान पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर अब्दुल जलील मस्तान को टिकट देकर चुनावी रण में उतारा है।
मुस्लिम वोटर हैं निर्णायक
अमौर विधानसभा क्षेत्र पर मुस्लिम करीब 50 फीसदी है। इसके बाद यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का दबदबा है, जोकि वोटिंग को प्रभावित करता है। पिछली बार यानी की साल 2020 के चुनाव में इस सीट से AIMIM के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।
पिछले चुनावों का इतिहास
बता दें कि साल 2020 के विधानसभा सभा चुनाव में अमौर सीट से AIMIM के उम्मीदवार अख्तरुल ईमान ने जीत हासिल की थी। इस दौरान जेडीयू उम्मीदवार सबा जफऱ दूसरे नंबर पर और कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल जलील मस्तान को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था। वहीं साल 2015 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल जलील मस्तान ने जीत हासिल की थी।
