जोहान्सबर्ग, एजेंसी : G20 summit 2025 : जी20 शिखर सम्मेलन में दुनिया के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा देखा गया। इन नेताओं ने शनिवार को जी20 सम्मेलन में डिजास्टर रेजिलिएंस, डेब्ट सस्टेनेबिलिटी, एनर्जी ट्रांजिशन, और जरूरी मिनरल्स पर सहमति बनाई। इसके साथ ही सभी नेताओं ने जी20 साउथ अफ्रीका समिट के घोषणापत्र पर सहमति जताई।
डिक्लेरेशन को समिट के शुरू होने पर अपनाया गया। बता दें, इस बैठक का आयोजन दो दिवसीय है। आज रविवार को इस समिट का दूसरा दिन है। जी20 का आयोजन जोहान्सबर्ग में एकजुटता, समानता और सस्टेनेबिलिटी थीम पर हो रहा है।
जी20 में शामिल नेताओं ने कहा कि आपदाएं सस्टेनेबल डेवलपमेंट की तरफ तरक्की में रुकावट डालती हैं और देश की क्षमताओं और इंटरनेशनल सिस्टम की रिस्पॉन्स करने की क्षमता, दोनों पर दबाव डालती हैं। इन नेताओं ने लोगों पर केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। खासतौर से कमजोर छोटे द्वीपीय विकासशील देशों और सबसे कम विकसित देशों के लिए मजबूत आपदा प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर जोर दिया।
एनर्जी एक्सेस और ट्रांजिशन पर भी हुई खास बातचीत
बैठक के दौरान एनर्जी एक्सेस और ट्रांजिशन पर भी खास बातचीत हुई। घोषणापत्र में उन असमानताओं पर जोर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि 600 मिलियन से ज्यादा अफ्रीकियों के पास बिजली नहीं है।
सभी नेताओं ने 2030 तक ग्लोबल रिन्यूएबल कैपेसिटी को तीन गुना और एनर्जी-एफिशिएंसी में सुधार को दोगुना करने की कोशिशों का समर्थन किया और देश के हालात के हिसाब से डेवलपिंग देशों के लिए बड़े पैमाने पर इन्वेस्टमेंट जुटाने और कम लागत वाली फाइनेंसिंग की सुविधा देने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने “आपसी सहमति वाली शर्तों पर” वॉलंटरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के महत्व पर भी जोर दिया।
जी20 ने महत्वपूर्ण खनिजों के लिए एक “क्रिटिकल मिनरल्स फ्रेमवर्क” का समर्थन किया। इसका लक्ष्य इन खनिजों की सप्लाई चेन को टिकाऊ और मजबूत बनाना है, जो उद्योगों और विकास के लिए जरूरी हैं।
नेताओं का कहना है कि खनिजों को सिर्फ कच्चा माल नहीं रहना चाहिए। इनका इस्तेमाल देश के विकास के लिए किया जाना चाहिए। यह घोषणा बताती है कि दुनिया की समस्याओं से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर और बराबर तरीके से काम करने की जरूरत है।
