लखनऊ, संवाददाता : उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर को कच्ची मतदाता सूची में 12.55 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। 2.89 करोड़ नाम हटाए जाएंगे और 1.13 करोड़ मतदाताओं को नोटिस भेजा जाएगा। 91 प्रतिशत नाम 2003 की सूची से मिलान हो चुका है। 3.62 करोड़ युवा अभी सूची में शामिल नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत गणना फॉर्म भरकर जमा करने की अंतिम तिथि शुक्रवार को खत्म हो गई। अब 31 दिसंबर को जारी होने वाली कच्ची मतदाता सूची (ड्राफ्ट रोल) में करीब 12.55 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। इस तरह से नवंबर में फ्रीज की गई मतदाता सूची में दर्ज कुल 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 2.89 करोड़ नाम हटाए जाएंगे। करीब 1.13 करोड़ मतदाताओं के रिकॉर्ड का मिलान वर्ष 2003 की मतदाता सूची से न होने के कारण उन्हें नोटिस भेजा जाएगा।
जिन 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम काटे जाएंगे, उनमें 1.26 करोड़ स्थायी रूप से स्थानांतरित, 46 लाख मृत, 23.70 लाख डुप्लीकेट, 83.73 लाख अनुपस्थित व 9.57 लाख अन्य श्रेणी के मतदाता हैं। यहां बता दें कि बीते 11 दिसंबर को एसआईआर की तारीख दूसरी बार दो सप्ताह बढ़ाकर 26 दिसंबर कर दी गई थी। इन दो सप्ताह में आयोग की गहन कवायद के बाद भी जिन मतदाताओं के नाम काटे जाने के लिए पहले चिह्नित किए गए थे, उनमें 5-6 लाख की ही कमी आई। अब मतदाता सूची से 18.77 प्रतिशत नाम कम होंगे।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 31 दिसंबर को कच्ची मतदाता सूची जारी की जाएगी
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 31 दिसंबर को कच्ची मतदाता सूची जारी की जाएगी। कच्ची मतदाता सूची पर 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक दावे व आपत्तियां ली जाएंगी। वहीं 31 दिसंबर से ही लेकर 21 फरवरी 2026 तक नोटिस चरण में गणना प्रपत्रों पर निर्णय और दावों एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। फिर 28 फरवरी 2026 को पक्की (अंतिम) मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी।
चुनाव आयोग ने दो हफ्तों में उन मतदाताओं को ढंढ़ने का कार्य किया जो स्थानांतरित, मृत, डुप्लीकेट, अनुपस्थित (एएसडी) व अन्य श्रेणी में शामिल थे। सभी जिलों में बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को बूथवार ऐसे मतदाताओं की सूची सौंपकर फिर से सत्यापन कराया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तीसरी बार एसआईआर की तारीख चुनाव आयोग ने बढ़ाना उचित नहीं समझा।
91 प्रतिशत मतदाताओं का हुआ 2003 की सूची से मिलान
उत्तर प्रदेश में 91 प्रतिशत मतदाताओं का 2003 की मतदाता सूची से मिलान हो गया है। यानी, उनका नाम पक्की मतदाता सूची में शामिल करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। चुनाव आयोग का कहना है कि मिलान का यह प्रतिशत अभी और भी बढ़ सकता है। जिनके नाम का मिलान नहीं हो पाएगा, उन्हें नोटिस भेजा जाएगा।
प्रदेश में 3.62 करोड़ युवाओं का नाम अभी भी दर्ज नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में 18 साल और उससे अधिक उम्र की जनसंख्या 16 करोड़ 17 लाख है। इस हिसाब से माना जा रहा है कि 3.62 करोड़ मतदाता और बढ़ेंगे। आयोग के सूत्रों के मुताबिक, अभी यूपी में 18-29 आयु वर्ग के बड़ी संख्या में युवाओं के नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं। वहीं, एएसडी श्रेणी में होने के कारण जिन लोगों के नाम कट रहे हैं, उनमें 30 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या अधिक है।
