लखनऊ,रिपब्लिक समाचार,अमित चावला : विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर विवेकानन्द पॉलीक्लीनिक एवं आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में तम्बाकू से होने वाले कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई 2023 का आयोजन इस वर्ष की थीम के अनुसार किया गया। इस वर्ष की थीम है “हमे खाना चाहिए तंबाकू नहीं चाहिए“। इसका अर्थ यह है कि जिन जिलों मे तम्बाकू का उत्पादन नकदी फसल की तरह किया जाता है वहाँ गन्ना, सोयाबीन, ज्वार इत्यादि फसलों का उत्पादन किया जाये। हमारे देश मे तम्बाकू का उत्पादन सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, असम व मध्य प्रदेश मे अधिक होता है।
वैदिक मन्त्रोंचारण से कार्यक्रम की शुरूआत
कार्यक्रम की शुरूआत रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, लखनऊ के सचिव, स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज एवं मंच पर उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन व त्रिमूर्तियों को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुआ तथा वैदिक मन्त्रोंचारण संस्थान की नर्सिग उपचारिकाओं द्वारा किया गया।
स्वागतीय भाषण संस्थान के पैरामेडिकल विभाग के इन्चार्ज डा0 राजेश कुमार श्रीवास्तव ने संगोष्ठी में पधारे संस्थान के सचिव व अन्य गणमान्य अतिथियों एवं छात्र-छात्राओं एवं उपचारिकाओं का स्वागत करके किया। त्पश्चात मंचासीन गणमान्य अतिथियों को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। अपने परिचयात्मक भाषण में डा0 नीरज टंणन, कैंसर रोग विशेषज्ञ ने मंचासीन गणमान्य अतिथियों का परिचय कराया।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एक चार्ट प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसकी थीम थी “हमे खाना चाहिए तंबाकू नहीं चाहिए“। इस प्रतियोगिता में पैरामेडिकल कार्डियोलॉजी के छात्र अभय कुमार सिंह को प्रथम स्थान एवं द्वितीय स्थान सुश्री प्रीती डायलिसिस टैक्नीशियन छात्रा तथा कार्डियोलॉजी प्रथम वर्ष की छात्रा जेना कुरैशी तथा तृतीय स्थान पर कार्डियोलॉजी द्वितीय वर्ष की छा़़त्रा सोनाली तथा तृतीय स्थान पर ओ0टी0 टैक्नीशियन की छात्रा नेहा थी। चयनित प्रतिभागियों को संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया।़
स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने कैंसर से लड़ने के लिए किया प्रेरित
उद्घाटन भाषण में संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने इस अवसर पर लोगों को अपनी आत्मिक शक्ति, योग ध्यान तथा जीवन शैली में परिवर्तन द्वारा कैंसर से लड़ने व कैंसर मुक्त रहने के लिए प्रेरित किया। स्वामी जी ने बताया कि तम्बाकू से क्या हानिया है, स्वास्थ्य एवं परिवार पर इसका क्या प्रभाव पडता है तथा कैसे हम तम्बाकू सेवन से मुक्ति पा सकते है।
स्वामी जी ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों एवं कार्यक्रम में पधारे व्यक्तियों को यह शपथ दिलाई की हम जीवन में न कभी तम्बाकू का उपयोग नहीं करेंगे और न ही अपने आस-पास के लोगों को इसका उपयोग करने देंगे। उन्होंने समझाया कि हम कैसे तम्बाकू सेवन से मुक्ति पा सकते है। उन्होने यह भी बताया कि तम्बाकू के सेवन से होने वाले विभिन्न घातक प्रभाव, मदिरा, लाल मांस तथा उच्च कैलोरी के भोजन इत्यादि का सेवन करने से कैंसर का खतरा हो सकता है।
तम्बाकू से मानव शरीर पर इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में संस्थान के चिकित्सक डॉ0 नीरज टंडन, एमडी, डीएनबी, विजिटिंग कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजिस्ट ने पेंटिंग व क्विज कंपटीशन व आडियो-विडियो के माध्यम से हमारे शरीर पर तम्बाकू से होने वाले दुष्परिणामों को बताया। कैंसर जागरूकता हेतु बडी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओ, उपचारिकाओं उपस्थित थी। उन्होने लोगो को यह भी बताया कि कैसे इस भयानक रोग के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से लडा जा सकता है।
150 पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम मे लिया भाग
विश्व मे तबाकू के बढ़ते हुए उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं जिसमे कैंसर भी एक है, एक अनुमान के अनुसार तम्बाकू के कारण मुँंह, गला, स्वरयंत्र व खाने की नली के कैंसर का कारण तो बनता ही है, पर इससे आंत, फेफड़े, अंडाशय व मूत्राशय का कैंसर भी हो सकता है। इसलिए तम्बाकू छोड़ना जरूरी है और यह अपनी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। तम्बाकू की आदत छोड़ने के लिए इसकी मात्रा को धीरे-धीरे कम करने से इसे छोड़ना आसान हो जाता है।
‘‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’’ कार्यक्रम में लगभग 150 नर्सिंग छात्राओं एवं पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम मे भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के कैसर रोग शल्य चिकित्सक डा0 वी0के0गर्ग ने आये हुए गणमान्य अतिथियों एवं छात्र-छात्राओं का स्वागत किया एवं इस तरह के कार्यक्रम कराने के लिए संस्थान के सचिव स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज को तहें दिल से धन्यवाद दिया।
इस कार्यक्रम का संचालन पैरामेडिकल विभाग के इन्चार्ज डा0 राजेश कुमार श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम के अन्त उपस्थित अतिथियों एवं नर्सिंग छात्राओं एवं पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं को जलपान कराने के साथ यह संगोष्ठी सम्पन्न हुई।