नई दिल्ली,एनएआई : भारतीय उधोग जगत की एक अहम् हस्ती अपनी बुद्धिमत्ता और नेतृत्व के लिए प्रसिद्ध रतन टाटा ने विगत ही में अपने अतीत की एक रोचक कहानी लोगों से शेयर किया है। कोलंबिया बिजनेस स्कूल द्वारा पोस्ट की गई एक वीडियो प्रस्तुति में टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष ने अपने शुरुआती दिनों के दौरान किए गए एक विवादास्पद निर्णय के बारे में खुलकर बात की।
रतन टाटा ने एक ऐसा निर्णय लिया जिस कारण उन्हें कोई पछतावा नहीं हैं। टाटा समूह में अपने कार्यकाल के दौरान रतन टाटा ने खुद को एक खतरनाक स्थिति में पाया था। एक शक्तिशाली और खतरनाक गैंगस्टर टाटा मोटर्स से रंगदारी वसूलने की फिराक में था। इस गैंगस्टर ने अपने विघटनकारी, हिंसक और डराने वाले व्यवहार के कारण बड़ी संख्या में अपना गैंग बनाया हुआ था।
टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को बनाया निशाना
सलाहकारों और शुभचिंतकों ने सुझाव दिया कि रतन टाटा को मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए गैंगस्टर को खुश करने पर विचार करना चाहिए। जबकि , रतन टाटा ने एक अलग दृष्टिकोण रखा और इस खतरनाक व्यक्ति का डटकर मुकाबला करने का फैसला किया। स्थिति इस हद तक बढ़ गई कि गैंगस्टर की गतिविधियाँ अराजकता के स्तर तक पहुँच गईं। गैंगस्टर ने न केवल टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को निशाना बनाया बल्कि कंपनी के कुछ अधिकारियों पर भी हमला किया, जिससे वे घायल हो गए। लगातार धमकियों के बावजूद, रतन टाटा अपनी बात पर अडिग रहे और गैंगस्टर की मांगों को मानने से मना कर दिया।
हत्या करने की दी धमकी
प्रभुत्व जमाने की बेताब कोशिश में गैंगस्टर ने हड़ताल का आह्वान किया, जिससे टाटा मोटर्स प्लांट के कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा के डर से अपना काम बंद करना पड़ा। रतन टाटा व्यक्तिगत रूप से कई दिनों तक संयंत्र में रुके और श्रमिकों को अपने कर्तव्यों को फिर से शुरू करने और उत्पादन फिर से शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। समय के साथ, गैंगस्टर की शक्ति कम हो गई। हौसले के साथ खड़े रहे रतन टाटा की दृढ़ता से आखिरकार वो गैंगस्टर पकड़ लिया गया।
आखिर जेल से रिहा होने के बाद , गैंगस्टर ने बदला लेने का प्रयास किया और रतन टाटा की हत्या करने की सुपारी जारी की। अपने जीवन के लिए गंभीर खतरे के बावजू रतन टाटा अधिग रहे और उन्होंने कभी भी गैंगस्टर के साथ कभी समझौता करने के लिए विचार नहीं किया।