कानपुर,संवाददाता : कानपुर में खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताने वाले बिठूर पायनियर ग्रीन्स सिटी के बिल्डर निखिल शर्मा से 22 लाख रुपये ठगने वाले शातिर महाठग अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ संतोष सिंह की कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर लिया है। महाठग शनिवार सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक पुलिस कस्टडी में रहेगा।
इस दौरान पुलिस उससे जुड़े ठगी के अन्य मामलों के राज उगलवाने का प्रयास करेगी। बिठूर थाना प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि छह घंटे का वक्त मिला है। इस दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि वह किस तरह से डेवलपमेंट अथॉर्टी में अपनी पकड़ बनाए था।
किसी मदद से उसने पायनियर ग्रीन्स सिटी के पुराने नक्शे को कैंसिल करवाकर नया नक्शा पास करवाया। वहीं, उस पर कई बड़े अधिकारियों से भी संबंध होने की बात प्रकाश में आई थी, जिसे लेकर भी पूछताछ की जाएगी। यदि कोई तथ्य प्रकाश में आया, तो साक्ष्य के रूप में उसके दस्तावेज बरामद कराने का प्रयास किया जाएगा।
फर्जी पीआरओ की गिरफ्तारी में हो सकता है मददगार
पुलिस के अनुसार महाठग का फर्जी पीआरओ प्रदीप सिंह फरार है। उसकी लोकेशन बलिया मिली थी, लेकिन वहां भी वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका। संतोष सिंह से उनके छिपने के अड्डों के बारे में पता किया जाएगा। पुलिस को उम्मीद है कि यह कस्टडी रिमांड फर्जी पीआरओ की गिरफ्तारी में भी मददगार साबित हो सकती है।
पूछताछ के बाद एफएसएल भेजे जाएंगे मोबाइल
पुलिस के अनुसार ठग संतोष से पूछताछ के बाद तैयार बंदुओं के आधार पर उसके मोबाइलों में सेव डाटा का जांच एफएसएल से कराई जाएगी। ठग संतोष व उसके चालक धर्मेंद्र के पास से बरामद आठ फोन सील किए गए थे। फोन से पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लग सकते हैं।
बंगले में क्यों किया गया था अंधेरा
पायनियर ग्रीन्स सिटी में रहने वाले लोगों ने बताया कि महाठग जिस विला में रहता था। वह खुला हुआ था। ठग संतोष की गिरफ्तारी के बाद विला के मालिक नरेश शास्त्री सिर्फ एक बार ही विला में आए हैं। इसके बाद भी दो बार रात के वक्त विला की पूरी बिजली काट दी गई थी। ऐसा ठग को सोसाइटी में घुमाने के बाद और गुरुवार की रात दूसरी बार भी हुआ था। ऐसे में किसी संदिग्ध के लोगों की नजरों से बचकर विला के अंदर जाने व साक्ष्य गायब करने की आशंका है।