वाशिंगटन, आइएएनएस : दिल्ली में जी-20 सम्मेलन नौ सितंबर से शुरू होने जा रहा है, और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपने देश को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने का शानदार अवसर है। टाइम पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में वाशिंगटन में विल्सन सेंटर स्थित साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा कि भारत जी-20 की अध्यक्षता को यह दिखाने के अवसर के रूप में देखता है कि उसमें ग्लोबल साउथ के लिए एक पुल के रूप में काम करने की क्षमता है और वह प्रतिद्वंद्वी शक्तियों के साथ संबंधों को संभालने की क्षमता रखता है।
मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू
बता दें भारत G-20 के शिखर सम्मेलन के लिए पूरी तरह से तैयार है। मेहमानों के सुरक्षा से लेकर उनके ठहरने का पूरा इंतजाम हो गया है। जबकि जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचने वाले विदेशी मेहमानों की अगवानी के लिए विभिन्न केंद्रीय राज्य मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का स्वागत शुक्रवार शाम 6.55 बजे राज्य मंत्री वीके सिंह करेंगे, लेकिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का स्वागत करने के लिए राज्य मंत्री अश्विनी चौबे दोपहर 1.40 बजे एयरपोर्ट पर करेंगे ।
सूत्रों के अनुसार , बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का स्वागत दोपहर 12:30 बजे राज्य मंत्री दर्शना जरदोश द्वारा किया जाएगा, जबकि राज्य मंत्री चौबे भी दोपहर 2.15 बजे जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का स्वागत करेंगे। इससे पूर्व इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी का स्वागत सुबह 6:20 बजे विदेश राज्य मंत्री शोभा कराडलाजे करेंगी।
आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज शाम 6.15 बजे पहुंचेंगे और उनका स्वागत केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर करेंगे। जर्मनी और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष नौ सितंबर को पहुंचेंगे।
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज सुबह आठ बजे पहुंचेंगे और उनका स्वागत राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा करेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का स्वागत राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल करेंगी।