Meerut : मेरठ को शासन से जारी हुए 503 करोड़, न्यू टाउनशिप के लिए लोकेशन तय

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मेरठ,संवाददाता : मेरठ विकास प्राधिकरण की न्यू मेरठ योजना के तहत नई टाउनशिप विकसित की योजना को पंख लगेंगे। सोमवार को योजना को लेकर शासन स्तर पर अपर मुख्य सचिव के समक्ष प्रजेंटेशन के बाद पहले चहण के लिए 503 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई। इसके तहत परतापुर-मोहिउद्दीनपुर के बीच 300 हेक्टेयर में दो फेज में न्यू टाउनशिप विकसित की जाएगी। प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद बजट जारी किया जाएगा। जिसके बाद इस पर काम शुरू होगा।

सरकार प्राधिकरणों को जमीन अधिग्रहण के लिए देगी पचास फीसदी धनराशि

शहरीकरण के बीच आवास की समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप की योजना बनाई है। इसके लिए सरकार प्राधिकरणों को जमीन अधिग्रहण के लिए पचास फीसदी धनराशि देगी। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत मेडा की ओर से परतापुर मोहिउद्दीनपुर के बीच (भूड़बराल, परतापुर, छज्जूपुर-इकला) में न्यू टाउनशिप का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

मेडा की ओर से ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) नीति के तहत रैपिड कॉरीडोर के चारों ओर विकास कार्य को जरूरी बताते हुए प्रस्ताव का प्रस्तुतीकरण पहले सचिव आवास रणवीर प्रसाद के समक्ष किया गया। इस पर टाउनशिप को दो फेज में बनाने के निर्देश दिए गए थे।

सोमवार को मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय, सचिव चंद्रपाल तिवारी और नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण के समक्ष मजबूती से प्रजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव ने योजना की आवश्यकता, लोगों की जरूरत और निवेश को लेकर कई सवाल किए, जिसका विभिन्न पहलुओं के साथ टीम ने जवाब दिया।

मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि जमीन अधिग्रहण पर करीब दो हजार करोड़ रुपये का खर्चा आएगा, ऐसे में एक हजार करोड़ की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि परतापुर मोहिउद्दीनपुर के बीच 300 हेक्टेयर में (भूड़बराल, परतापुर, छज्जूपुर-इकला) में दो फेज में न्यू टाउनशिप विकसित होगी, जो न्यू मेरठ होगा। इसके लिए अपर मुख्य सचिव की ओर से 503 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है।

शहर के विकास को लगेंगे पंख, होगा निवेश

मेडा की 17 अगस्त को हुई बोर्ड बैठक में टीओडी नीति के तहत महायोजना-2031 को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके तहत दो हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावना जताई गई हैं। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि टीओडी के तहत रैपिड के आसपास लोगों की आवाजाही, रिहाइश जरूरी है। वैल्यू कैप्चर कॉस्ट (वीसीसी) के लिए जरूरी है कि रैपिड के आसपास व्यवसायिक गतिविधियां हों। रिहाईश, व्यवसायिक गतिविधियां होने से ही रैपिड को यात्री मिलेंगे। न्यू टाउनशिप से शहर के विकास को पंख लगेंगे।

न्यू मेरठ की तर्ज पर बसेगी न्यू टाउनशिप
मेडा के नगर नियोजक विजय कुमार ने बताया कि शहर में रैपिड रेल, मेट्रो, एक्सप्रेस-वे और हाइवे जुड़ रहे हैं। शहर के चारों ओर हाइवे का जाल बिछ रहा है। ऐसे में यह न्यू टाउनशिप शहर के विकास में मील का पत्थर होगी। दिल्ली, गुड़गांव आदि से भी लोग यहां बस सकेंगे।

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