वोटमाले,एपी : मालदीव में शनिवार को हुए चुनाव में चीन समर्थक मोहम्मद मुइज को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया। मुइज को 53 प्रतिशत से अधिक वोट मिले, जबकि राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह सिर्फ 46 प्रतिशत वोट प्राप्त कर सके। नतीजों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। रविवार को यह घोषणा की जाएगी।
मुइज की 18 हजार वोटों से हुई जीत
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुइज को 18 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल हुई है। वह बिल्कुल आखिरी समय में चुनाव मैदान में उतरे थे। उनको शुरू में कमजोर प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा था।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग मामले में सजायाफ्ता होने के कारण चुनाव लड़ने से रोक दिया था। यामीन इस समय जेल में हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि राजनीतिक कारणों से उनको जेल में डाला गया है।
शनिवार को हुआ दूसरे दौर का मतदान
इसके बाद मुइज ने नामांकन दाखिल किया और चुनाव जीत कर सबको चौंका दिया। इस महीने की शुरुआत में हुए मतदान में मुइज और सोलिह, दोनों में कोई उम्मीदवार जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाए। इसके बाद शनिवार को दूसरे दौर का मतदान कराया गया।
भारत, चीन के प्रभाव पर जनमत संग्रह की तरह देखा गया चुनाव
मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव को इस द्वीपीय राष्ट्र पर भारत और चीन के प्रभाव पर जनमत संग्रह भी माना गया। इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत का समर्थक माना जाता है। दूसरी तरफ, माले सिटी के मेयर और विपक्ष के उम्मीदवार मोहम्मद मुइज चीन के साथ मजबूत संबंधों की वकालत करते रहे हैं।
चीन और भारत दोनों के लिए अपने पड़ोसियों के बीच प्रभाव की प्रतिस्पर्धा कोई नई बात नहीं है। चीन को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत दिए गए विकास ऋणों के कारण शुरुआती लाभ मिला। लेकिन भारत ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में खुद को और अधिक मजबूत किया है।
चुनाव प्रचार के दौरान दोनों उम्मीदवारों ने कई तरह के मुद्दे उठाए। इनमें राजधानी माले में आवास की समस्या और देश का घटता डालर भंडार का मुद्दा भी शामिल है। इसे देखते हुए दोनों नेताओं ने सत्ता में आने पर डालर के अलावा किसी अन्य मुद्रा में व्यापार का प्रस्ताव किया था।