कानपुर, संवाददाता : पीड़ित ने इंस्पेक्टर रामजनम गौतम से संपर्क किया, तो उसने सुनवाई नहीं की। पीड़ित ने 11 को जनसुनवाई में शिकायत की तो इंस्पेक्टर ने 12 को थाने बुलाया, लेकिन कार्रवाई की बजाय घूस मांग ली। पीड़ित ने इस पर एंटीकरप्शन को शिकायत कर दी।
कानपुर में यूपी पुलिस के एंटी करप्शन संगठन (एसीओ) ने कलक्टरगंज थाना प्रभारी रामजनम गौतम को थाना परिसर में बने आवास से 50 हजार रुपये की घूस लेते रंगेहाथ धर दबोचा। आरोप है कि गौतम ने एक मकान के विवाद में रिपोर्ट लिखकर मकान खाली कराने के लिए पचास हजार रुपये बतौर घूस मांगे थे, जिन्हें लेने के लिए उसने पीड़ित को अपने आवास पर बुलाया था। पीड़ित ने एंटी करप्शन से इसकी शिकायत की थी।
इसके इंस्पेक्टर एकता त्यागी, मृत्युंजय कुमार मिश्रा, जटाशंकर सिंह और चंद्रभान सिंह की टीम ने जाल बिछाया और आरोपी को उसके ही आवास से रुपये लेते गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए इंस्पेक्टर को वहां से शहर कोतवाली लाकर हवालात में डाल दिया गया। साथ ही उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का केस भी दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर गौतम को पुलिस कमिश्नर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
मकान खाली कराने के एवज में मांगी थी घूस
फीलखाना थानाक्षेत्र के नारायण प्लाजा कराचीखाना निवासी नरेंद्र कुमार गुप्ता का कलक्टरगंज थानाक्षेत्र में एक मकान है, जिसे खाली कराने को लेकर उनका तीन अक्तूबर को कुछ लोगों से विवाद हो गया। इस दौरान उन्हें दूसरे पक्ष ने पीट भी दिया। चार अक्तूबर को पीड़ित ने इंस्पेक्टर रामजनम गौतम से संपर्क किया, तो उसने सुनवाई नहीं की। पीड़ित ने 11 को जनसुनवाई में शिकायत की तो इंस्पेक्टर ने थाने बुलाया, लेकिन कार्रवाई की बजाय घूस मांग ली। पीड़ित ने इस पर एंटीकरप्शन को शिकायत कर दी। तीन दिन की जांच के बाद एंटी करप्शन ने ट्रैप बिछाकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया।
एक गोपनीय सूचना पर एंटी करप्शन ने उच्चाधिकारियों के सहयोग से इंस्पेक्टर रामजनम गौतम को घूस लेते गिरफ्तार किया है। आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई शुरू हो गई है। साथ ही पुलिस कमिश्नर के आदेश पर उसे निलंबित कर विभागीय कार्रवाई तत्काल शुरू कर दी गई है। -आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त
शिकायतें आती रहीं और नजरंदाज होती रहीं
जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर गौतम के खिलाफ पहले भी मामलों को दर्ज करने व निस्तारण में रुपये लेने की शिकायतें आती रही हैं। कानपुर में ही वह लखनऊ से दरोगा के तौर पर स्थानांतरित होकर आया और फिर इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट हो गया। इसके बाद से अधिकारियों की छत्रछाया के चलते उसे चार्ज मिलना शुरू हो गया।
मामले ने तूल पकड़ा, तो गौतम को हटाया गया
कुछ उच्चाधिकारियों का चहेता होने के चलते उसके खिलाफ न तो कार्रवाई हो रही थी, न ही थानेदारी जा रही थी। कलक्टरगंज से पहले सीसामऊ में तैनात रहते हुए भी उसके खिलाफ एक मकान पर कब्जा करने वालों को संरक्षण देने के भी आरोप लगे थे। मामले ने तूल पकड़ा तो गौतम को वहां से हटाया गया, लेकिन कलक्टरगंज का चार्ज थमा दिया गया।
काफी वर्षो से कानपुर में जमा था -रामजनम
घूस की रकम लेने वाला रामजनम लंबे समय से कानपुर में जमा हुआ है। रामजनम ने खुद स्वीकार किया है कि जिसने उस पर घूस लेने का आरोप लगाया है, उसे वह लंबे समय से जानता है। जबकि 2012 बैच के दरोगा रहे राम जनम कानपुर में लालकुर्ती, जेल चौकी, श्यामनगर, फूलबाग जैसी चौकियों पर रहा। इसके बाद एक आईपीएस अधिकारी की सिफारिश पर एसओ सीसामऊ बना। यहीं पर इसके खिलाफ मकान कब्जाने के विवाद में शिकायत हुई लेकिन प्रमोशन होकर इंस्पेक्टर बनने पर उसे कलक्टरगंज का चार्ज दे दिया गया।