मेरठ, संवाददाता : सीसीएसयू का दीक्षांत समारोह सुबह 10 बजे शुरू हुआ। इसकी अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। मुख्य अतिथि पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा सचिव आयुष मंत्रालय और विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय रहे।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षा समारोह में बेटियों को स्वर्ण पदक प्रदान करने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मेडल लेकर घर पहुंचने पर सभी छात्र -छात्राएं सबसे पहले अपनी माता के गले में मेडल पहनाएं और उनके पैर छुएं, क्योंकि पहले गुरु पिता नहीं बल्कि माता होती हैं।
राज्यपाल बोलीं- दहेज मांगने वाले भिखारी
दहेज प्रथा पर तंज करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दहेज मांगने वाले भिखारी होते हैं, ऐसे परिवार में बेटियों का विवाह न करें। राज्यपाल ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि बेटे और बेटियों में भेदभाव बंद करें। बेटियों को सरकारी स्कूल और बेटों को निजी स्कूलों में मोटी फीस देकर पढ़ाना गलत है। अगर माता पिता ही ऐसा भेदभाव करेंगे तो समाज से क्या अपेक्षा कर सकेंगे।
दीक्षांत के दौरान बेटियों को दिए जाने वाले सर्वाधिक मेडल दिखाते हैं कि बेटियां आज कितनी आगे हैं। बेटे पिता के कारोबार को आगे बढ़ाने को ध्यान में रखकर पढ़ाई करते हैं, जबकि बेटियों को ससुराल जाना पड़ता है। इसलिए वह अधिक मेहनत से पढ़ाई करतीं हैं जिससे भविष्य में कोई विपत्ति आए तो वह आत्मनिर्भर बन सकें।