रामपुर, संवाददाता : सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां और उनका परिवार कोर्ट का फैसला सुनते ही शांत हो गए। चेहरे पर तनाव और भविष्य को लेकर चिंता साफ झलक रही थी। उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्हें पूर्व से ही इस बात का अंदाजा हो कि उनको अब सजा होने वाली है। साढ़े चार घंटे तक वह कोर्ट की न्यायिक हिरासत में ले लिया और फिर न्यायलय के आदेश पर उनको जेल भेज दिया गया।
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। फैसले के लिए सपा नेता आजम और उनका परिवार दोपहर 12.50 बजे कोर्ट रूम में दाखिल हुआ। दोपहर एक बजे कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया।
बाद में कोर्ट ने सजा के प्रश्न पर दोनों पक्षों को सुना और फिर दोपहर 2.30 बजे तीनों को अपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और अभिलेखों में धोखाधड़ी का दोषी मानते हुए सात-सात साल की कैद व 50 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। कोर्ट का फैसला सुनते ही न्यायिक अभिरक्षा में मौजूद आजम परिवार पूरी तरह शांत हो गया।
तीनों लोग एक दूसरे के चेहरे को ताकते रहे। न्यायिक अभिरक्षा में पानी पीते रहे और साथ ही पास में मौजूद अधिवक्ताओं से विचार विमर्श करते रहे। तीनों को कोर्ट के द्वारा फैसले की प्रमाणित प्रतिलिपि दी गई। 4.25 बजे आजम, अब्दुल्ला और तजीन फात्मा को कोर्ट से बाहर लाया गया और फिर उसके बाद पुलिस उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले गई।
कोर्ट रूम में आमने-सामने आए आकाश और आज़म
फैसले के वक्त शहर विधायक आकाश सक्सेना कोर्ट रूम में पहुंच गए। इस मुकदमे के वादी भाजपा विधायक के कोर्ट रूम में पहुंचते ही उनका सामना सपा नेता आजम खां, अब्दुल्ला आजम खां और तजीन फात्मा से हुआ। कुछ देर तक आजम और आकाश की नजरें भी मिलीं। कोर्ट रूम में भीड़ बढ़ने के बाद पुलिस एक्टिव हो गई और फिर भीड़ को बाहर कर दिया।
दूसरे केसों की मजबूत पैरवी कर दिलाई जाएगी सजा
भाजपा विधायक, आकाश सक्सेना ने कहा कि दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। कोर्ट के फैसला आने से सत्य की जीत हुई है। आजम परिवार को उनके किए की सजा मिली है। आजम खां के अन्य केसों की और ज्यादा मजबूती के साथ पैरवी कराई जाएगी, ताकि लोगों के सामने सच सामने आ सके।