Supreme Court : सांसदों/विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के त्वरित निपटारे के दिए आदेश

SUPREME-COURT (6)

नई दिल्ली, एनएआई : एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सभी हाई कोर्ट को एक विशेष पीठ गठित करने और सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक प्रकरणों की निगरानी के लिए स्वत: संज्ञान प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया ताकि उनका शीघ्रता से निपटारा सुनिश्चित किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार कि एमपी/एमएलए के खिलाफ प्रकरणों के त्वरित निपटारे से संबंधित ट्रायल कोर्ट के लिए एक समान दिशानिर्देश बनाना उसके लिए मुश्किल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से सांसदों/विधायकों से जुड़े प्रकरणों की प्रभावी निगरानी और निपटारा के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज करने को कहा।

HC के चीफ जस्टिस स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज करें एक केस

सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक केस के तेजी से निपटारे को लेकर आदेश दिया है। आदेश में कहा गया कि HC के चीफ जस्टिस स्वतः संज्ञान लेकर एक केस दर्ज करें और विशेष MP/MLA कोर्ट में चल रहे प्रकरणों की निगरानी करें। जिला जज से समय-समय पर रिपोर्ट लिया जाए और HC वेबसाइट में MP/MLA के लंबित केस का ब्यौरा डाला जाए।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक प्रकरणों के शीघ्र निपटारा की मांग करने वाली अश्विनी उपाध्याय की जनहित याचिका पर हाई कोर्ट और निचली अदालतों को कई निर्देश जारी किए गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके लिए सांसदों के खिलाफ प्रकरणों के त्वरित निपटारा के लिए निचली अदालतों को एक समान दिशानिर्देश देना मुश्किल होगा।

फैसले में कहा गया है कि हाई कोर्ट कानून निर्माताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमों की निगरानी के लिए एक विशेष पीठ का गठन करेंगे, जिसकी अध्यक्षता या तो मुख्य न्यायाधीश करेंगे, या मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित पीठ द्वारा की जाएगी। इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय आपराधिक प्रकरणों में सांसदों के खिलाफ मुकदमों की स्थिति पर रिपोर्ट के लिए विशेष निचली अदालतों को बुला सकते हैं।

इसमें कहा गया है, ट्रायल कोर्ट दुर्लभ और बाध्यकारी कारणों को छोड़कर संसद सदस्यों, विधायकों और एमएलसी के खिलाफ प्रकरणों की सुनवाई स्थगित नहीं करेंगे। सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रधान जिला जज और सत्र न्यायाधीश कानून निर्माताओं की सुनवाई करने वाली नामित विशेष अदालतों के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे, तकनीकी सुविधा सुनिश्चित करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Useful And Successful Yoga Practices World’s Oldest Castles Duleep Trophy How India Is Doing C Success India D The Cutest Saree Outfits for Shweta Tiwari FIVE NATIONS HAVE NO RIVERS