Diwali 2023 : दिल्ली वालो ने जमकर क़ी आतिशबाजी

DILLI-NEWS

नई दिल्ली, संवाददाता : दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिल्ली वालो ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर आतिशबाजी किया। दिवाली की रात लोगों द्वारा पटाखे छुड़ाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे पूरे शहर में प्रदूषण फैल गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में एक्यूआई 296, आरके पुरम में 290, पंजाबी बाग में 280 और आईटीओ में 263 रहा।

विभिन्न क्षेत्रो की सड़कों पर घनी धुंध छाई

दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रो की सड़कों पर घनी धुंध छाई हुई है, जिस के चलते दृश्यता काफी कम हो गई है और कुछ मीटर से आगे देखना मुश्किल हो गया है। सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर किए गए ताजा पोस्ट और रिपोर्ट्स से ज्ञात हुआ है कि अलग-अलग जगहों पर बड़ी संख्या में लोगों ने पटाखे जलाने में हिस्सा लिया है।. लोधी रोड, आरके पुरम, करोल बाग और पंजाबी बाग से रविवार रात के दृश्यों में राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रो में रात के आकाश को रोशन करते हुए तीव्र आतिशबाजी दिखाई दिया।

ध्यान देने की बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी पिछले कुछ सप्ताह से प्रदूषण से जूझ रही है। कई स्थानों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और कई दिनों तक जहरीला बना रहा, लेकिन दिवाली के बाद, अब यह बहुत संभावना है कि राष्ट्रीय राजधानी में एक बार फिर प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी जाएगी, जिससे लोगों के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

विगत ही में, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ने पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था । प्रदूषण की स्थिति के मद्देनजर, सरकार ने शहर में खराब हवा से निपटने के लिए ‘कृत्रिम बारिश’ के विचार पर भी विचार किया, जब तक कि अचानक बारिश से बड़ी राहत नहीं मिली, जिससे प्रदूषण का स्तर कम हो गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World