रामपुर , संवाददाता : दो पैन कार्ड मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की कैद व 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। आदेश के बाद आजम खां और अब्दुल्ला आजम को जेल भेज दिया गया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां 55 दिन खुली हवा में सांस लेने के बाद फिर जेल भेजे गए।
55 दिन खुली हवा में सांस लेने के बाद सपा नेता आजम खां को रामपुर जेल भेज दिया गया। पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम इसी साल 25 फरवरी को हरदोई जेल तो आजम खां 23 सितंबर को सीतापुर जेल से छूटे थे लेकिन दो पैनकार्ड मामले में अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को फिर जेल भेज दिया गया।
उनके पुत्र अब्दुल्ला वर्ष 2017 में विधायक तो बन गए लेकिन उम्र के विवाद में हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी निरस्त कर दी। अब्दुल्ला 2022 में फिर से स्वार सीट से विधायक बने थे।
शैक्षिक प्रमाणपत्रों में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 01 जनवरी 1993
दरअसल शैक्षिक प्रमाणपत्रों में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 01 जनवरी 1993 है। इसके हिसाब से वह 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान न्यूनतम आयु की सीमा को पूरा नहीं करते थे। ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 बताकर चुनाव लड़ा।
सपा नेता आजम खां रामपुर विधानसभा सीट से दस बार विधायक रहे चुके हैं। वह प्रदेश में चार बार कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। इसके अलावा को 2019 में रामपुर संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे और एक बार वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा भी विधायक और राज्यसभा सदस्य रही हैं।
हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की विधायकी को निरस्त किया
वर्ष 2017 में जब अब्दुल्ला ने सपा के टिकट पर चुनाव जीता था तो उनके मुकाबले बसपा के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने उनके निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनकी चुनाव याचिका पर अपना फैसला देते हुए अब्दुल्ला की विधायकी को निरस्त कर दिया था।
अब्दुल्ला इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उनको झटका लगा था। सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा नेता और वर्तमान में शहर विधायक आकाश सक्सेना ने जहां दो जन्म प्रमाणपत्र का मामला दर्ज कराया वहीं दूसरी ओर सिविल लाइंस थाने में 2019 में ही दो पैन कार्ड होने का भी मामला दर्ज कराया था।
रामपुर की जेल में बैरक नंबर एक अब आजम का नया ठिकाना
दोषी ठहराए जाने के बाद आजम और अब्दुल्ला आजम को कड़ी सुरक्षा के बीच रामपुर जेल ले जाया गया।
जेलर सुनील सिंह ने बताया कि आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को बैरक नंबर एक में रखा गया है। कहा कि लंबी सजा पाए कैदी को यहीं रखा जाता है। ये बैरक सीसीटीवी से लैस है।
यह था मामला
शहर विधायक आकाश सक्सेना की ओर से 16 दिसंबर 2019 को सिविल लाइंस कोतवाली में अब्दुल्ला आजम और उनके पिता आजम खां के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। उनका कहना था कि आयकर विभाग की ओर से अब्दुल्ला को जारी पैन कार्ड संख्या -डीएफओपीके 6164 के है, जिसमें अब्दुल्ला की जन्म तिथि एक जनवरी 1993 है। यह शैक्षिक प्रमाणपत्र हाईस्कूल के आधार पर सही है। इसी पैनकार्ड के सहारे अब्दुल्ला आजम खां का भारतीय स्टेट बैंक के खाता चल रहा है।
दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि अब्दुल्ला आजम खां ने सभी आयकर रिटर्न नामांकन से पूर्व इसी पैन कार्ड एकाउंट द्वारा भरे। उनका कहना था कि अब्दुल्ला आजम ने स्वार विधानसभा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए 24 जनवरी 17 को जिला निर्वाचन अधिकारी रामपुर के समक्ष नामांकन पत्र प्रस्तुत किया था।
जन्म प्रमाणपत्र के मामले में आजम परिवार को हो चुकी सात साल की कैद
दो पैन कार्ड से पहले सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट 18 अक्तूबर 2023 को अब्दुल्ला आजम के साथ ही उनके पिता आजम खां व मां डाॅ. तजीन फात्मा को सात-सात साल की कैद व 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जा चुकी है। इस मामले में फिलहाल हाईकोर्ट से उनको जमानत मिल चुकी है।
