लखनऊ, डॉ.जितेंद्र बाजपेयी : “पहली सिगरेट पीने से लेकर मुंह में डाली गई पहली तंबाकू की थैली तक आप नशे की लत के जोखिम के संपर्क में आते हैं। तंबाकू अत्यधिक नशे की लत है।” -डॉ. शाश्वत सक्सेना (मनोचिकित्सक) ने 31 मई, 2025 को ‘तंबाकू निषेध दिवस पर आईएनए, भवन लखनऊ में आयोजित सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम में कहा। कार्यक्रम में विशेषज्ञ डॉ. शाश्वत सक्सेना, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव डॉ यू एस पाल और डॉ. सरिता सिंह शामिल हुए।
डॉ. सरिता सिंह, अध्यक्ष आईएमए लखनऊ ने स्वास्थ्य पर तंबाकू के प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भारत में लगभग 40% श्वसन समस्याओं के लिए तंबाकू का धुआं जिम्मेदार है। इसके अलावा तंबाकू का सेवन भारत में कैंसर (फेफड़े और मुंह) का प्रमुख कारण है।
डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि तंबाकू का धुआं न केवल धूमपान करने वाले व्यक्ति को बल्कि उसके आस-पास के लोगों को भी प्रभावित करता है और यह सेकेंड हैंड धुआं है। यहां तक कि सेकेंड हैंड धुआं भी उतना ही खतरनाक है। उन्होंने यह भी बताया कि तम्बाकू के विज्ञापन और मीडिया मैं गलत चित्रण युवाओं में तम्बाकू की लत के कारणों में से एक है। इस वर्ष का विषय तम्बाकू और उसके उत्पादों के इस उज्ज्वल चित्रण से लड़ना है।