Abdullah Azam को SC से नहीं मिली अंतरिम राहत, आपराधिक मामले में हैं फंसे

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नई दिल्ली, एनएआई : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान को अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला खान आजम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था। उत्तर प्रदेश की ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया जाए कि जब तक उनके नाबालिग होने के दावे की पुष्टि न हो जाए तब तक उनके खिलाफ कोई फैसला न सुनाया जाए।

उच्चतम न्यायालय ने 26 सितंबर को मुरादाबाद के जिला जज को आदेश दिया था कि वह किशोर न्याय अधिनियम के तहत मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां के नाबालिग होने के मुकदमे पर फैसला करें फैसले को आगे के विचार के लिए उच्चतम न्यायालय के पास भेजें।

वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बुधवार को जज एम एम सुंदरेश और जज प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ से बोले कि जब तक नाबालिग होने के दावे पर रिपोर्ट पेश नहीं हो जाती, तब तक उच्च न्यायलय इलाहाबाद को लंबित आपराधिक प्रकरण में आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा जाए।

कपिल सिब्बल ने आगे बोले कि अगर ट्रायल कोर्ट अंतिम आदेश पारित नहीं करता है तो आसमान नहीं फटने वाला है… कभी-कभी कानून न्याय के रास्ते में खड़ा होता है। यह उस तरह का प्रकरण है।

आखिर क्या है मामला ?

दरअसल, साल 2008 में अब्दुल्ला आजम खान और उनके पिता आजम खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। दंड संहिता (आईपीसी)।

आरोप था कि 29 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के छजलैट में पुलिस चेकिंग के दौरान जब पुलिस ने अब्दुला आजम की कार को चेकिंग के लिए रोका तो अब्दुल्ला आजम वहीं धरने पर बैठ गए थे।

अयोग्य घोषित हुए अब्दुल्ला आजम
फरवरी में अब्दुल्ला आजम खान को इस प्रकरण में मुरादाबाद की एक अदालत ने दो वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित हो गए ।

1 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था, जिसमें 15 साल पुराने आपराधिक प्रकरण में उनकी सजा पर रोक लगाने से मना करने वाले हाई कोर्ट इलाहाबाद के फैसले को चुनौती दी गई थी।

स्वार सीट से शफीक अहमद अंसारी की जीत
सुप्रीम कोर्ट ने तब स्पष्ट किया था कि अब्दुल्ला आजम खान की अयोग्यता के बाद खाली हुई स्वार विधानसभा सीट पर 10 मई को होने वाला चुनाव उनकी याचिका के नतीजे के अधीन होगा। स्वार सीट पर अपना दल के शफीक अहमद अंसारी ने जीत हासिल किया था । अब्दुल्ला आजम खान ने दावा किया है कि घटना के समय वह किशोर थे।

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