लाहौर, एजेंसी : पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अहमदिया समुदाय पर अत्याचार का एक और प्रकरण सामने आया है। पुलिस और कट्टरपंथियों ने उनकी मस्जिदों की तीन मीनारों को तोड़ दिया । इनको रोकने का प्रयास करने पर 31 अहमदिया के खिलाफ केस पंजीकृत कर लिया गया। जमात-ए-अहमदिया संगठन पाकिस्तान ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अहमदिया समुदाय को मुस्लिम कहने पर प्रतिबंध
संगठन के पसाधिकारी ने कहा कि पंजाब के सियालकोट और फैसलाबाद में इसी हफ्ते इन घटनाओं को अंजाम दिया गया। जबकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अहमदिया मीनारें मुस्लिमों की मस्जिदों के समान थीं। स्थानीय मुस्लिम इस पर आपत्ति जताते हुए इन्हें गिराने की मांग कर रहे थे। जबकि पाकिस्तान में अहमदिया खुद को मुस्लिम मानते हैं, लेकिन देश की संसद ने 1974 में इस समुदाय को गैर मुस्लिम घोषित कर दिया था। एक दशक पहले उन्हें खुद को मुस्लिम कहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
सांप्रदायिक हिंसा में मृतकों की संख्या बढ़कर 122 हुई
शिया और सुन्नी के बीच सांप्रदायिक संघर्ष विराम के बावजूद गोलीकांड की ताजा घटनाओं में दो लोगों की मृत्यु के साथ ही पाकिस्तान के कुर्रम में सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 122 हो गई है। इस घटना के बाद खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम में संघर्ष और बढ़ गया है। गोलीबारी में छह अन्य लोग घायल हुए हैं।
वर्तमान हालात को देखते हुए राज्यपाल फैसल करीम कुंडी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर को व्यक्तिगत रूप से अशांत क्षेत्र का दौरा करने का प्रस्ताव भेजा है। जिले में अलीजई और बागान जनजातियों के बीच झड़पें 22 नवंबर को शुरू हुईं, जब एक दिन पहले पाराचिनार के पास यात्री वैन के एक काफिले पर हमला हुआ था। हमले में 47 लोग मारे गए थे। गंभीर रूप से घायल हुए कई यात्रियों ने बाद में दम तोड़ दिया।
पाकिस्तानी जत्थे में शामिल 80 वर्षीय श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब से लापता
पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आए 80 वर्षीय श्रद्धालु गुरुवार को श्री हरिमंदिर साहिब से लापता हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस के मुताबिक, सात सदस्यीय जत्थे में शामिल बुजुर्ग केवल मल बुधवार को अटारी सीमा के रास्ते भारत आये थे। वह सिंध प्रांत के सक्कर जिला स्थित गांव पनवा किल गांव के रहने वाले हैं।