Amercia में बढ़ी महंगाई, ट्रंप ने टैरिफ पर लिया ‘यू-टर्न

donald- trump

नई दिल्ली , डिजिटल डेस्क : आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के परिणामस्वरूप अमेरिकी उपभोक्ताओं के आक्रोश के मद्देनजर राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक और यू-टर्न लेते हुए कई वस्तुओं पर टैरिफ घटा दिया है। उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत काफी, टमाटर, केला और बीफ सहित 200 से ज्यादा खाद्य वस्तुओं को व्यापक शुल्कों से छूट मिल गई है।

खाद्य आयात पर टैरिफ कम करने के ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से भारत के आम, अनार और चाय निर्यात को इसका फायदा हो सकता है। उन्होंने कुछ दिन पहले जेनेरिक दवाओं से भी टैरिफ हटाया था। भारत लगभग 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है।

पूरी तरह से समाप्त नहीं होगा टैरिफ

यह आदेश इन वस्तुओं को ”पारस्परिक” टैरिफ प्रणाली से हटा देता है, जिसके तहत 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच की दरें लागू होती हैं। हालांकि, यह टैरिफ को पूरी तरह से समाप्त नहीं करता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका के प्रमुख आपूर्तिकर्ता मेक्सिको से आयातित टमाटरों पर अभी भी 17 प्रतिशत टैरिफ लागू रहेगा।

सीएनएन के अनुसार, लगभग 30 साल पुराने व्यापार समझौते की समाप्ति के बाद यह दर जुलाई से लागू है और इसके तुरंत बाद टमाटर की कीमतों में उछाल आया। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को घोषणा की कि उष्णकटिबंधीय फल औरजूस, चाय और मसाले उन आयातों में शामिल हैं जिन पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी सूची में काफी और चाय, संतरे, टमाटर और बीफ का भी जिक्र है। ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया है और रूसी तेल खरीदने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क भी जोड़ा है। लेकिन, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ट्रंप ने पहले जेनेरिक दवाओं को शुल्क से मुक्त कर दिया।

भारत को क्या फायदा हुआ

इससे भारत को फायदा हुआ जो अमेरिका में लगभग 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है। बहरहाल, ट्रंप का यह यू-टर्न बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि वह लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि इस साल की शुरुआत में उनके द्वारा लगाए गए व्यापक आयात शुल्क के कारण महंगाई नहीं बढ़ रही है।

शुक्रवार शाम एयर फोर्स वन में इस कदम के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने पत्रकारों को अपने टैरिफ के बारे में कहा कि कुछ मामलों में ये कीमतें बढ़ा सकते हैं। लेकिन, कुल मिलाकर अमेरिका में वस्तुत: कोई मुद्रास्फीति नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते हुए चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति ने आम लोगों से जुड़े इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है।

डेमोक्रेट्स ने वर्जीनिया, न्यू जर्सी और न्यूयार्क सिटी में राज्य और स्थानीय चुनावों में लगातार जीत हासिल की है, जहां खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों को लेकर मतदाताओं की बढ़ती चिंता एक प्रमुख मुद्दा थी। ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को उन व्यापार समझौतों की रूपरेखा की घोषणा की, जिनके अंतिम रूप दिए जाने के बाद अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और अल सल्वाडोर से कुछ खाद्य पदार्थों और अन्य आयातों पर टैरिफ समाप्त हो जाएंगे।

कई उत्पादों की कीमतों में भारी उछाल

अमेरिकी अधिकारी इस वर्ष के अंत तक अतिरिक्त समझौतों पर भी विचार कर रहे हैं। शुक्रवार की सूची में वे उत्पाद शामिल हैं जिन्हें अमेरिकी उपभोक्ता नियमित रूप से अपने परिवारों का पेट भरने के लिए खरीदते हैं, जिनमें से कई उत्पादों की कीमतों में साल-दर-साल दोहरे अंकों में वृद्धि देखी गई है। इसमें संतरे, अकाई बेरी और लाल शिमला मिर्च से लेकर कोको, खाद्य उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले रसायन, उर्वरक सहित 200 से ज्यादा उत्पाद शामिल हैं।

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